पक्षी हमारे जीवन में खुशियों की वजह बनते है। कई पक्षी ऐसे होते है, जो हमारी जिंदगी में खुशियां लाते है। एक ऐसी ही पक्षी है, जिन्हें 'गौरेया' के नाम से जाना जाता है। गौरेया नाम की चिड़िया कभी छत पर तो कभी घर की दहलीज पर आती है। चिंता वाली बात ये है कि चिरैया गौरैया की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। ऐसे में गौरैया के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे है। वहीं वास्तु शास्त्र की ओर से बात करें तो गौरैया का घर के वास्तु से भी गहरा संबंध होता है। तो चलिए आपको बताते है कि कैसे गौरैया घर का वास्तु सुधार देती है-
रामायण में गौरैया का वर्णन- गौरैया का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। तुलसीदास ने भी राजा दशरथ के घर में गौरैया के घोंसले का वर्णन मिलता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर में उत्तर दिशा और ईशान कोण में गौरैया अपना घोंसला बनाए तो यह अत्यंत शुभ होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और पारिवारिक दिक्कतें भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
महाभारत में भी गौरेया का वर्णन- पक्षी विज्ञान के जनक गौतम ऋषि के अनुसार अगर किसी जगह पर गौरैया का घोंसला हो। तो यह अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। कहते हैं कि इससे 10 प्रकार के वास्तुदोष अपने आप ही दूर हो जाते हैं। मान्यता है महाभारत काल में महारानी कुंती के महल में भी गौरैया का घोंसला था।
वास्तु शास्त्र में गौरैया का वर्णन- वास्तु शास्त्र के अनुसार गौरैया का घर में आना बहुत ही शुभ होता हैं। इनके आने से जीवन में मधुरता आती हैं। बिगड़ते कार्य बनने लगते हैं। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती हैं। इनका सुबह-सुबह दिखना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। कहते हैं जो व्यक्ति इनको देख लेता हैं। उसका पूरा दिन शुभ हो जाता हैं। उसे हर कार्य में सफलता मिलती है।
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