12 अप्रैल को महाकुंभ का शाही स्नान है। इस दिन सोमवती अमावस्या भी है। ऐसे में आपका ये शाही स्नान आपकी जिंदगी के लिए बेहद लाभदायक हो सकता है। 12 अप्रैल को भारी संख्य में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियों पूरी कर ली है। सोमवती अमावस्या कुंभ के समय देखने को कम ही मिलती है। इस दिन शाही स्नान करने के बाद पीपल की पूजा और परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। इससे मांगलिक दोष दूर होता है। कुंभ लग्न में किया हुआ स्नान कई दुख को नष्ट करता है। स्नान करने का शुभ मुहूर्त सुबह चार बजे से पांच बजे तक और दोपहर 12 बजे से 12.45 तक है।
शाही स्नान पर हरकी पैड़ी के घाटों पर आप डुबकी नहीं लगा पाएंगे। हरकी पैड़ी पर सिर्फ अखाड़ों के संतों का स्नान होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से घाट बनाए गए है। जो पार्किंग स्थलों के नजदीक ही होंगे। शाही स्नान पर श्रद्धालुओं से कोविड नियमों का पालन कराया जाएगा। हरकी पैड़ी क्षेत्र संतों के स्नान के लिए आरक्षित होगा। वहां कोई भी आम आदमी स्नान नहीं कर सकेगा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग बनाई गई हैं। दिल्ली, मुरादाबाद, बिजनौर, नैनीताल से आने वाले वाहनों की पार्किंग चंडी पुल के पास होगी।
वहीं अगर आप देहरादून से आ रहे है, तो आप अपने बाहन दूधाधारी के पास बनी पार्किंग में पार्क करेंगे। जम्मू, हरियाणा और पंजाब से आने वाले वाहन भगवानपुर से इमलीखेड़ा होकर बीएचईएल पहुंचेंगे और वहीं अपने वाहन को पार्क करेंगे। वाहन पार्किंगों के नजदीक ही घाट हैं और श्रद्धालु उनमें स्नान करेंगे। जिन लोगों को वाया हरिद्वार होकर अपने गंतव्य स्थानों के लिए जाना है, वो 10 से 15 अप्रैल तक वैकल्पिक मार्ग अपनाएं। देहरादून और मसूरी के लिए जाना है तो वाया मुजफ्फरनगर से देवबंद होकर छुटमलपुर होकर जाएं। जिनको गढ़वाल जाना है वह ऋषिकेश होकर जाएं। देहरादून से नैनीताल जाने वाले देहरादून से देवबंद मुजफ्फरनगर से बिजनौर होकर जाएं।