दुनिया की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की दुनिया-भार के मार्केट में जबरदस्त पकड़ है इसके साथ ही भारतीय बाजार में भी इस कंपनी की अपनी एक अलग पहचान है। लेकिन कंपनी की सबसे पॉपुलर कार स्विफ्ट हैचबैक सेफ्टी के मामले में फिसड्डी निकली है। इसके साथ ही रोनॉल्ट डस्टर SUV कार भी क्रैश टेस्ट में बुरी तरह फेल हो गई। यह क्रैश टेस्ट ग्लोबल NCAP के साउथ अमेरिकन एसोसिएट लैटिन NCAP द्वारा किया गया था।
देश में मारुति की स्वीफ्ट तो पॉपुलर कार है कि लेकिन इसके साथ ही रेनॉल्ट की डस्टर की भी लोकप्रियता कम नहीं है। लेकिन दोनों कारें को क्रैश टेस्ट में जीरो रेटिंग मिला है। मेड-इन-इंडिया सुजुकी स्विफ्ट जिसे जापान में भी मैन्युफैक्चर किया जाता है, मानक के रूप में दो एयरबैग से लैस थी। क्रैश टेस्ट के लिए इस्तेमाल की गई Swift लगभग सभी कैटेगरी में खराब रही। इसने एडल्ट ऑक्यूपेंट बॉक्स में 15.53%, चाइल्ड ऑक्यूपेंट बॉक्स में 0%, पैदल यात्री सुरक्षा और कमजोर सड़क उपयोगकर्ता बॉक्स में 66.07% और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स में 6.98% स्कोर हासिल किया। लैटिन NCAP ने कहा कि स्विफ्ट के लिए पाए गए क्रैश टेस्ट रिजल्ट न सिर्फ हैचबैक बल्कि इसके सिडान वर्जन के लिए भी वैलिड हैं।
लैटिन NCAP का यह भी कहना है कि, कार का दरवाजा खोलने के कारण यूएन95 रेगुलेशन रिक्वायरमेंट को पास नहीं करेगी। लैटिन NCAP के जनरल सेक्रेटरी एलेजांद्रो फुरस ने कहा, बेसिक व्हीकल सेफ्टी, जो मैच्योर इकॉनमी के बाजारों में स्टैंडर्ड है, एक अधिकार है जिसे लैटिन अमेरिकी कस्टमर्स को उनके लिए एक्स्ट्रा पेमेंट किए बिना दावा करना चाहिए। ये सिक्योरिटी फीचर सड़क दुर्घटनाओं के लिए वैक्सीन की तरह काम करते हैं। कस्टमर्स को इसके लिए अधिक पेमेंट किए बिना कहीं और सप्लाई की गई वैक्सीन पाने का अधिकार है।
रेनॉल्ट डस्टर का भी बुरा हाल
स्विफ्ट के अलावा रेनॉल्ट डस्टर भी क्रैश टेस्ट में फेल हो गई। टेस्ट के दौरान कार ने एडल्ट ऑक्यूपेंट बॉक्स में 29.47%, चाइल्ड ऑक्यूपेंट बॉक्स में 22.93%, पैदल यात्री सुरक्षा और कमजोर सड़क उपयोगकर्ता बॉक्स में 50.79% और सेफ्टी असिस्ट बॉक्स में 34.88% हासिल किया। लैटिन NCAP के सेक्रेटरी जनरल एलेजांद्रो फुरस ने कहा कि, यह निराशाजनक है कि अमेरिकी ग्रहकों को रेनॉ और सुजुकी इस तरह की खराब सुरक्षा प्रदर्शन वाली कारें बेचती हैं। लैटिन NCAP ने दोनों की कंपनियों को इन मॉडलों की मानक सुरक्षा में बहुत जल्द सुधार करने की राय दी है।