हर माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर मासिक दुर्गाष्टमी पड़ती है। मान्यता है कि अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर खासतौर से देवी दुर्गा का पूजा और व्रत किया जाता है। ये मासिक अष्टमी शारदीय नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी और चैत्र नवरात्रि के उत्सव के दौरान पड़ने वाली महाष्टमी या दुर्गाष्टमी से अलग है, जो देवी दुर्गा के भक्तों के महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि प्रत्येक दुर्गाष्टमी के दिन शक्ति की उपासना करने से आपके जीवन की समस्याएं स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं व हर बाधा से मुक्ति मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी मुहूर्त-
पौष, शुक्ल अष्टमी प्रारम्भ – 11:08 ए एम, जनवरी 09
पौष, शुक्ल अष्टमी समाप्त – 12:24 पी एम, जनवरी 10
मासिक दुर्गाष्टमी पूजन विधि-
प्रातः जल्दी उठकर घर और पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और स्वयं भी स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
अब पूजा स्थान पर पूजा करनी हो तो वहां पर गंगाजल का छिड़काव करें, या फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल आसन बिछाकर उसपर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
अब मां दुर्गा के समक्ष धूप दीप प्रज्वलित करें।
कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।
पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर चौकी पर मां दुर्गा के समक्ष रखें।
अब मां दुर्गा को फल व मिष्ठान अर्पित करें।
पूजन के दौरान मां दुर्गा का स्मरण करते रहें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
पूजन पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें और पूजन में हुई भूल के लिए क्षमा मांगे।
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मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत कथा
शास्त्रों के अनुसार, सदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे। उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी। इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था। भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया। हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किया। इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया। मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया। उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ।
इनपर रहती हैं मां दुर्गा मेहरबान
कन्याओं को देवी का अवतार माना जाता है इसलिए कभी भी उनका दिल नहीं दुखाना चाहिए। जो व्यक्ति कन्याओं का सदा सम्मान करता है, उस व्यक्ति पर मां दुर्गा विशेष कृपा करती हैं।
जो व्यक्ति महिलाओं के विरुद्ध कभी भी बुरा आचरण नहीं करता है उस पर मां दुर्गा विशेष कृपा करती हैं।
किसी विशेष माह या त्योहार पर ही नहीं बल्कि हमेशा लड़कियों का सम्मान करना चाहिए और उनपर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए।