पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की जेब पर डाका डाला हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारों ने टैक्स घटाकर जनता को राहत देने की कोशिश तो की, लेकिन लोगों को कुछ खास राहत नहीं मिल सकी। तेल के दाम ऐसी ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं, जहां से उनका नीचे उतरना मुश्किल नजर आता है। ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल है कि इससे सरकार की तिजोरी में कितने पैसे आए? सवाल पूछे जाने पर सरकार को संसद में तेल से हुई कमाई की जानकारी देनी पड़ी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि मोदी सरकार को पेट्रोल-डीजल से सरकार को कितनी कमाई हुई है।
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वित्त मंत्री के मुताबिक, पिछले तीन वित्तीय वर्ष में सरकार ने पेट्रोल-डीजल के टैक्स से 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। सीतारमण ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021 में ही सरकार को टैक्स से 3.71 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। दरअसल, संसद में कुछ सांसदों ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर सवाल उठाया और पूछा कि इसे कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?, सरकार को ईंधन बेचकर टैक्स के रूप में कितनी कमाई हुई है ?, इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वित्तीय वर्ष में सरकार को टैक्स से 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जबकि केवल इसी वित्तीय वर्ष में 3.71 लाख करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है।
इस साल 4 नवंबर को दिवाली से ठीक पहले सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की। इसके बाद कई राज्यों ने वैट में कटौती की घोषणा की। इसके बाद पेट्रोल-डीजल के चढ़ते दामों में थोड़ी गिरावट आई। हालांकि, अब ये पहले की तुलना में काफी ज्यादा हैं और इनके ज्यादा नीचे आने की कोई संभावना दिखाई नहीं देती। सरकार इसके लिए वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों का हवाला देती आई है। सरकार ने संसद में कहा कि तेल निर्यात करने वाले देश मांग से कम सप्लाई कर रहे हैं, जिससे कि तेल की एक कृत्रिम कमी पैदा हुई है।