पिछले साल ही सरकार ने टोल प्लाजा को लेकर बड़ा फैसला लिया था कि कैश भुगतान की जगह सीधा फास्टैग से पैसा कटेगा। इससे काई सारी चीजों काफी आसान हो गई। पहली चीज की जाम का सिस्टम ही खत्म हो गया। साथ ही किसी को लाइन में नहीं लगना हुआ। इसके लिए चेंज की झंझट भी खत्म हो गई। सरकार ने फास्टैग सभी वाहनों पर अनिवार्य कर दिया था। लेकिन, अब एक बड़ी खबर आ रही है कि, सरकार एक बार फिर से बड़ा फैसला ले रही है और आने वाले दिनों में फास्टैग सिस्टम हट जाएगा और इसकी जगह एक नए सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको टोल पर सिर्फ उतने ही पैसे देने होंगे जिना आप चलेंगे।
सरकार फास्टैग (FASTag) सिस्टम के बदले एक हाईटेक सिस्टम लाने की तैयारी है जो फास्टैग से भी तेज और सटीक काम करेगा। यह नया सिस्टम सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम पर आधारित होगा। खबर है कि इस नए सिस्टम पर काम भी शुरू हो गया है। इसका पायलट प्रोजेक्ट भी लॉन्च हो चुका है। इसे हरी झंडी मिलते ही फास्टैग की जगह पर नेविगेशन सिस्टम से टोल वसूली का काम शुरू कर दिया जाएगा। नए सिस्टम के तहत किलोमीटर के हिसाब से या फिर तय की गई दूसरे के हिसाब से टोल टैक्स लिया जाएगा।
फास्टैग सिस्टम के तहत अगर किसी हाइवे पर गाड़ी चलती है तो टोल प्लाजा पर एक निश्चित राशि फास्टैग अकाउंट से काट ली जाती है। इस राशि का सफर की दूरी या किलोमीटर से कोई लेना देना नहीं है। नेविगेशन सिस्टम में किलोमीटर के अनुसार पैसा लिया जाएगा। नए सिस्टम में हाइवे या एक्सप्रेसवे पर जितने किलोमीटर की सफर तय होगा, उतने किलोमीटर का टोल टैक्स देना होगा। इसकी टेस्टिंग शुरू हो चुकी है।
सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम यूरोपीय देशों में काफी सफल है। इसी तर्ज पर भारत में भी लागू किया जा रहा है। इसे लागू करने से पहले ट्रांसपोर्ट पॉलिसी में बदलाव करना होगा। इसके पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश में 1.37 लाख गाड़ियां नेविगेशन सिस्टम को कवर कर चुकी हैं। रूस और दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञ इसकी एक स्टडी रिपोर्ट पर काम कर रहे हैं।