हमारे जीवन में जो भी घटना घटित होती है, उनका संबंध ग्रहों की स्थिति से होता है। नौ ग्रह हमारे जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालते है। आज हम आपको ग्रहों को शांत करने सरल और प्रभावी उपाय बताएंगे, जिनके जरिए आपकी जिंदगी में कई चमत्कारिक बदलाव आ सकते है।
सूर्य ग्रह- अगर आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ फल दे रहे हैं तो उनसे जुड़े कष्टों से बचने के लिए रविवार के दिन नमक का सेवन करना बंद कर दें और 11 रविवार सिर्फ दही चावल का भोजन करें। साथ ही उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
चंद्र ग्रह- अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर होकर अशुभ फल दे रहा है तो आप सोमवार के दिन बबूल के पेड़ की जड़ में दूध डालें। साथ ही पंचधातु से बने शिवलिंग की पूजा करें और उनके पंचाक्षरी मंत्र को रुद्राक्ष की माला से जप करें।
मंगल ग्रह- अगर आप मंगल ग्रह के दोष से पीड़ित चल रहे हैं तो आप लाल रंग के फूल को बहते हुए जल में प्रवाहित करें और दुर्गासप्तशती का पाठ करें या फिर सुनें। मंगल ग्रह की शुभता पाने के लिए हमेशा तांबे के बर्तन में पानी पिएं।
बुध ग्रह- अगर आप बुध ग्रह की अशुभता से परेशान चल रहे हैं तो आप उसके शुभ प्रभाव को पाने के लिए बुधवार के दिन गणपति की विशेष रूप से साधना करें और पूजा में दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
गुरु ग्रह- अगर आपको कुंडली में गुरु ग्रह का शुभ फल नहीं प्राप्त हो रहा है तो भगवान विष्णु की पीले फूल, पीले फल और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। साथ ही 'ॐ बृं बृहस्पते नम:' मंत्र का हर दिन कम से कम एक माला जप जरूर करें।
शुक्र ग्रह- सुख–सुविधाओं को प्रदान करने वाले शुक्रदेव की शुभता को पाने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को सफेद वस्तुओं का दान करें। साथ ही काली चीटिंयों को चीनी और सफेद गाय को खाने के लिए आटा डालें।
शनि ग्रह- अगर आप इन दिनों शनि की सनसनी से परेशान चल रहे हैं तो आप प्रत्येक शनिवार को चाय की पत्ती और कुछ पैसे अपने सफाईकर्मी को दान करें। शनि ग्रह के दोष से बचना चाहते हैं तो भूलकर भी किसी गरीब व्यक्ति का न तो हक मारें और न ही उन्हें परेशान करें।
राहु- अगर कुंडली में राहू ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो उससे बचने के लिए भगवान शिव की साधना और उनके पंचाक्षरी मंत्र का जप करें। साथ ही बुधवार के दिन जौ, सरसों, सात प्रकार का अनाज आदि दान करें।
केतु- केतु के अशुभ फलों से बचने के लिए केतु के पौराणिक मन्त्र 'ॐ कें केतवे नम:' मंत्र का जप करना चाहिए. साथ ही बुधवार के दिन काला कंबल, तिल का तेल, सात प्रकार का अनाज, आदि का दान करना चाहिए।