हिंदू धर्म के लोग 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करते है। इन सभी के देश-दुनिया में कई तरह के मंदिर बने हुए है, जहां लोग अपनी-अपनी आस्था के हिसाब से दर्शन करने के लिए जाते है। लेकिन राजस्थान के जोधपुर में स्थित ये मंदिर बेहद अलग है, क्योंकि इस मंदिर में न तो किसी भगवान की और न ही किसी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यहां सिर्फ मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है। यह सुनकर आपको थोड़ी हैरानी हो रही होगी लेकिन बात बिल्कुल सच है। इसलिए इस मंदिर को बुलेट मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर-पाली हाइवे से 20 किलोमीटर दूर है। यह पाली शहर के पास स्थित चोटिला गांव में है। लगभग 30 साल पहले 1988 में ओम बन्ना एक शाम अपनी बुलेट 350 पर बांगड़ी से चोटिला गांव लौट रहे थे। पाली के पास अचानक ओम बन्ना को लगा कि सड़क पर कोई है। बचने के लिए उन्होंने जैसे ही अपनी बाइक घुमाई, बाइक सड़क पर आ रहे ट्रक से भिड़कर एक पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि ओम बन्ना की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई।
ओम बन्ना के एक्सिडेंट के बाद पुलिस उनका शव और बाइक थाने ले गई, लेकिन बाइक रहस्यमयी ढंग से पुलिस थाने से गायब हो गई और दुर्घटना वाली जगह पर मिली, जहां ओम बन्ना का एक्सीडेंट हुआ था। फिर इसके बाद इसे थाने ले जाया गया और फिर ये बाइक वापस उसी स्थान पर आ गई। ऐसा कई बार हुआ। कहा जाता है कि इस बाइक को पुलिस ने चेन से बांध कर भी रखा था, लेकिन फिर भी ये बाइक थाने से गायब हो गई। इसके बाद इसे चमत्कार माना गया।
ओम बन्ना के पिताजी ने इसे ओम बन्ना की इच्छा माना और बाइक को वहीं चबूतरा बनाकर खड़ा कर दिया गया। गांव वालों ने बुलेट बाइक की पूजा शुरू कर दी। फिर यहां मंदिर का निर्माण कर दिया गया और इसे बुलेट बाबा मंदिर उर्फ ओम बन्ना धाम नाम दिया गया। इस रास्ते से गुजरने वाले यात्री आते-जाते समय ओम बन्ना के मंदिर में कुशल यात्रा की प्रार्थना करके ही आगे बढ़ते है। कहा जाता है कि पहले चोटिला गांव के आसपास बहुत अधिक सड़क हादसे हुआ करते थे, लेकिन ओम बन्ना की मौत और उनकी बाइक का मंदिर बनने के बाद अब ये काफी कम हो चुके है।
यह भी मान्यता है कि ओम बन्ना धाम में आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है। यह भी कहा जाता है कि अगर आप पाली-जोधपुर हाइवे से गुजर रहे हैं तो बुलेट बाबा मंदिर में जरूर जाना चाहिए। इससे आप यात्रा के दौरान सुरक्षित रहेंगे।