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Panchak 2021: आज से शुरु हो रहा पंचक, भूल कर भी ना करें कोई भी शुभ काम, जानिए क्या है इसके प्रभाव ?

photo courtesy Google

आज सोमवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज से ही पंचक लग रहा है। पंचांग के अनुसार पंचक आज से आरंभ होकर 3 जुलाई 2021 शनिवार को समाप्त होगा। पंचक को शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इसमें शुभ काम को करने की मनाही होती है। प्रॉपर्टी और करियर को लेकर सावधानी बरतनी बेहद जरुरी होती है। पंचक 5 नक्षत्र के संयोग से बनता है। मान्यता है कि जब चंद्रमा मीन और कुंभ राशि से होकर गुजरता है, तो इस स्थिति में पंचक लगता है। इन्ही दों राशियों को पंचक का स्वामी भी माना गया है।

पंचक के 5 नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैं-

धनिष्ठा

शतभिषा

पूर्वाभाद्रपद

उत्तराभाद्रपद

रेवती

 

कितने प्रकार के पंचक होते हैं?-

रोग पंचक– इस पंचक की शुरुआत रविवार से होती है, जिसमें 5 दिनों तक शारीरिक व मानसिक रूप से यातनाएं जातक को झेलनी पड़ती है। इस दौरान स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

नृप पंचक- नृप पंचक की शुरुआत सोमवार से होती हैय़ कहा जाता है कि यह करियर पर घात लगाता है अर्थात यदि नयी नौकरी ज्वाइन करना है तो यह समय अशुभ माना गया है।

चोर पंचक- इस पंचक की शुरुआत शुक्रवार से होती है, जो आर्थिक नुकसान, व्यावसायिक लेन-देन में हेराफेरी आदि का कारण बनता है। कहा जाता है कि इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए।

मृत्य पंचक- इस पंचक की शुरुआत शनिवार को होती है। कहा जाता है कि इस दौरान कोई भी जोखिम भरे कार्य नहीं करने चाहिए। विवाह जैसे कार्य करने से जान माल के नुकसान का खतरा बना रहता है।

मान्यता है कि पंचक के समय जब धनिष्ठा हो तो अग्नि का भय रहता है, इसलिए इस दौरान अग्नि से सावधान रहना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पंचक में कुछ कार्यों को करना शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि जब पंचक लग जाएं तो लकड़ी एकत्र, मकान की छत, पलंग आदि को बनवाना शुभ नहीं होता है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी अच्छा नहीं माना गया है। इस बार पंचक सोमवार से आरंभ हो रहा है। सोमवार से जब पंचक आरंभ होते हैं तो इसे राज पंचक कहते है। कुछ मामलों में इसे शुभ भी बताया गया है।

जब पंचक धनिष्ठा में हो तो इस मंत्र का जाप करना चाहिए- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम:'

पंचक से जुड़ी अन्य बातें-

अगर पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो शव के साथ पांच पुतले, आटे या घास अथवा कुश से बनाए अर्थी पर रखा जाता है। इन पांचों को शव के साथ अंतिम संस्कार करने की परंपरा होती है।

कहा जाता है कि पंचक दौरान घर में चारपाई नहीं बनानी चाहिए। ऐसा करने से घर में कोई बड़ा संकट घर पर आ सकता है।

इसके अलावा पंचक के दौरान यदि घनिष्ठा नक्षत्र चल रही है तो ऐसे समय में घास, लकड़ी, इंधन आदि एकत्र नहीं करना चाहिए।