ज्योतिष में केले के पेड़ को सबसे पूजनीय माना गया है। वहीं गुरुवार के दिन लोग केले के पेड़ की पूजा करते हैं। इस पेड़ में नारायण का वास होता है, बावजूद इसके लोग केले के पेड़ को घर में लगाने से मना करते हैं। वैसे देखा जाये तो केले का पेड़ लगाने से कोई दिक्कत नहीं है, पर इसे गलत जगह पर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना गया है। आपको बता दें, अगर केले का पेड़ घर में गलत जगह पर लगा हो, उसकी देखभाल ठीक से न की जाए तो इसके अशुभ परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। इस खास वजह से हमारे बुजुर्ग इसे घर में लगाने के लिए मना करते हैं। लेकिन अगर आप ज्योतिषीय नियमों का पालन करते हुए केले का पेड़ लगाते हैं तो ये घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। जानिए केले का पेड़ लगाने के वास्तु नियम।
किस दिशा में लगाए?
पूजा पाठ के लिए सबसे उत्तम दिशा ईशानकोण मानी गई है। ऐसे में केले का पेड़ लगाने के लिए भी यही दिशा सबसे बेहतर मानी जाती है। इसके अलावा आप केले के पेड़ को पूर्व और उत्तर दिशा में भी लगा सकते हैं। आग्नेय कोण, दक्षिण और पश्चिम दिशा में कभी न लगाएं।
-केले के पेड़ को कभी घर के आगे वाले हिस्से में नहीं लगाना चाहिए। इसे पिछले हिस्से में लगाना चाहिए और उसे लगाने के बाद रोजाना पानी देना चाहिए।
-केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है और तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए केले के पेड़ के पास तुलसी का पौधा रखना चाहिए। इससे नारायण और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही हर गुरुवार को केले के पेड़ पर हल्दी लगाकर पूजा करें और दीपक जलाएं।
-केले के पेड़ में हमेशा साफ पानी डालें। कपड़े, बर्तन आदि के बाद बचे पानी को इस पेड़ में डालने की गलती न करें। न ही भगवान को स्नान कराने के बाद बचे जल को इस पेड़ में डालें। पेड़ के आसपास हमेशा साफ सफाई रखें। इसके अलावा अगर इस पेड़ का कोई पत्ता सूख जाए तो उसे फौरन निकालकर फेंक दें।
-केले का पेड़ अगर ज्योतिषीय नियमानुसार लगाया जाए तो परिवार में सुख, समृद्धि, आरोग्य के साथ खुशियां आती हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही है, उनकी बाधा दूर होती है। कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।