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Sawan Putrada Ekadashi 2021: पुत्रदा एकादशी व्रत आज, संतान प्राप्ति के लिए दंपति जरुर जपे ये अचूक मंत्र, भगवान श्रीहरि हो जाएंगे प्रसन्न

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भगवान शिव का लोकप्रिय सावन माह चल रहा हैं। सावन महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस एकादशी को पवित्रा एकादशी, श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आज पवित्रा एकादशी हैं। मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान सुख मिल सकता है। यही वजह है कि एकादशी का व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए की किया जाता है। एकादशी व्रत के नियमों का सही तरीके से पालन किया जाए, तो व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। यह व्रत साल में दो बार आता है, एक पौष माह में और दूसरी श्रावण माह में। जानें पुत्रदा एकादशी की पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

 

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

पुत्रदा एकादशी व्रत प्रारंभ- 18 अगस्त 2021 दिन बुधवार,  रात  03 बजकर 20 मिनट से

पुत्रदा एकादशी व्रत समापन- 19 अगस्त 2021 दिन गुरुवार, रात  01 बजकर 05 मिनट तक

 

पुत्र प्राप्ति का मंत्र

ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

 

पुत्रदा एकादशी व्रत का नियम

जिस दिन से एकादशी तिथि लग जाये उस दिन से चावल नहीं खाना चाहिए। एकादशी व्रत में रात्रि का जागरण उत्तम माना जाता है। एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा करें और शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें। उसके बाद गरीब जरूरत मंद ब्राह्मण को भोजन कराकर ही भोजन करें।

 

पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

व्रत के दिन प्रातःकाल सूर्योदय के पूर्व स्नान कर घर के मंदिर में जाकर व्रत का संकल्प लें। अब पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पीला फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसी आदि अर्पित करें। पुनः धूप दीप जलाकर आरती करें और भगवान से संतान प्राप्ति की मन्नतें मांगे। ध्यान रहे संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत पति-पत्नी दोनों एक साथ रखें और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें। भगवान कृष्ण को पंचामृत बहुत पंसद है इसलिए इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है।