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Ramadan 2021: 14 अप्रैल से शुरु रमजान का पवित्र महीना, जानिए क्यों जरुरी होता है दिन में पांच बार नमाज अदा करना ?

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इस्लाम धर्म के लोगों के लिए कल का दिन काफी खास है, क्योंकि कल यानी 14 अप्रैल से रमजान शुरु होने वाले है। मुसलमानों के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र होता है। कहा जाता है कि 1400 साल से पहले पैगंबर मुहम्मद के सामने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की पहली आयत का अवतरण हुआ था। इस पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय से लेकर शाम सूर्यास्त होने तक रोजा रखते है। इन्हें रोजेदार कहा जाता है। रोजेदारों के लिए सूरज निकलने से पहले सहरी करना जरूरी होता है और शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोलना होता है। सहरी और इफ्तार का समय अलग-अलग होता है। 
 
रोजेदारों को दिन में पांच बार नमाज अदा करना जरुरी होता है। इन पांच बार की जाने वाली नमाजों को अलग-अलग नाम होते है।
  1. सुबह उषाकाल की नमाज को नमाज-ए-फ़जर कहा जाता है। 
  2. अवनतिकाल की नमाज को नमाज-ए-जुह्र कहा जाता है।
  3. दिवसावसान की नमाज को नमाज -ए-अस्र कहते है।
  4. सायंकाल की नमाज को नमाज-ए-मगरिब और 
  5. रात्रि की नमाज को नमाज-ए-इषा कहते हैं। 
 

इस्लाम में मान्यता है कि रमजान में अपनी जरूरतों को कम करना और दूसरों की जरूरतों को पूरा करने से गुनाह कम हो जाते हैं।  इस महीने रोजा रखने वाले को जो इफ्तार कराता है उसके सारे गुनाह माफ हो जाते है। मुस्लिम मान्यताओं अनुसार रोजा खजूर खाकर खोला जाना चाहिए। इस महीने रोजा रख अपने अंदर की बुराईयों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।