बीमा लेते वक्त कई बातों का ध्यान रखना होना जरूरी है वरना क्लेम लेते वक्त काफी परेशानी होती है। इसमें से सबसे जरूरी है नॉमिनी, क्योंकि बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसका लाभार्थी यानी 'नॉमिनी' व्यक्ति को मिलने वाली कवर राशि का हकदार माना जाता है। अगर बीमाधार ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो परिवार को कवर राशि पर दावा करने के लिए काफी लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ाता है।
नॉमिनी बनाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि परिजनों को बीमा की राशि दावा करने में दिक्कत नहीं होती है। कोरोना संकट के बाद यह आवश्यक हो गया है कि आप अपने सभी निवेश में नॉमिनी का नाम जरूर दें। अगर, नॉमिनी नाबालिग है तो उस हालात में 18साल की उम्र तक के लिए एक गार्जियन को नियुक्त करना होता है। एक्सपर्ट्स की माने तो, एक बीमाधरक किसी ऐसे व्यक्ति को नामित कर सकता है, जो जीवन बीमा पॉलिसी में मृत्यु राशि प्राप्त करने का हकदार है।
हालांकि, नामांकित व्यक्ति को मिली राशि का उपयोग करने का अधिकार नहीं हो सकता है। वह केवल बीमित व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों की ओर से धन का एक कार्यवाहक होते हैं। अगर बीमाधारक ने अपने माता-पिता, पति या पत्नी और बच्चों को नॉमिनी बनाया है तो वह मिलने वाली राशि के उत्तराधिकारी होंगे।
कभी भी बदल सकते हैं नॉमिनी
बीमाधारक कभी भी अपना नॉमिनी बदल सकता है, बीमा कंपनिया या बैंक नॉमिनी बदलने की सुविधा देते हैं। बीमाधारक पॉलिसी खरीदने वक्त या बीच में या रिन्यूल के समय नॉमिनी को बदल सकता है।