सास-बहू का रिश्ता बेहद नाजुक होता है। इस रिश्ते में बहुत से उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है। जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे सास-बहू के बीच का ये रिश्ता भी बदलने लगा है। अब सास-बहू का रिश्ता तू-तू, मैं-मैं वाला कम बल्कि सहेलियों वाला होता जा रहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस समीरा रेड्डी और उनकी सास मंजरी वर्दे के बीच भी पक्की सहेलियों वाला मजबूत रिश्ता है। दरअसल, हाल ही में ब्रूट इंडिया के साथ बातचीत करते हुए समीरा रेड्डी और उनकी सास मंजरी वर्दे ने बताया कि 'हम दोनों एक-दूसरे को 'मेस्सी मामा एंड सैसी सासु' के नाम से बुलाते है।
समीरा ने बताया कि हमारा रिश्ता मजेदार होने के साथ-साथ मसालेदार भी है। मैं अपनी सैसी सास की दीवानी हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे लगता है कि रोजमर्रा की जिम्मेदारियां, रोजमर्रा की पसंद और हम एक ही घर में रहने वाली दो मजबूत महिलाएं हैं, तो हमें अच्छे से पता है कि हमें अपना रिश्ता कैसे चलना है। समीरा ने कहा कि हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं। कभी-कभार कुछ बातों पर हमारी भी कहासुनी हो जाती है। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हमारे बीच का प्यार खत्म हो गया।
सीमा ने आगे कहा कि प्रॉब्लम्स हर जगह होती हैं। बस उन पर हम सभी को काम करने की जरूरत है। समीरा की इस बात पर उनकी सास मंजरी वर्दे ने बताया 'हमने बराबरी के साथ अपने रिश्ते की शुरुआत की है, जोकि बहुत ही शानदार था। मैं सदियों से पुरानी रूढ़ियों को तोड़ती आ रही हूं, क्योंकि वास्तव में इनकी कोई जरूरत नहीं है। हमने सास-बहू के रिश्ते को किसी पर थोपा नहीं है। हम दोनों ही एक-दूसरे के ट्रिगर पॉइंट्स और प्रेशर पॉइंट्स समझ चुके है, जिनसे हम दोनों ही बचने की कोशिश करते है। यही एक वजह भी है कि हम दूसरी सास-बहू से एकदम हटकर है।
लेन-देन से बढ़ता है प्यार- समीरा ने बताया 'अगर मैं अपनी तरफ से उनके लिए कुछ करती हूं, तो मेरी सास भी मेरे लिए कुछ करने की कोशिश करती है। सास-बहू वाले इस जटिल रिश्ते में प्यार और संयम बनाए रखने के लिए हम दोनों ही बराबर मेहनत करते हैं। खैर, ऐसा होना ठीक भी है क्योंकि किसी भी रिश्ते को सही से चलाने के लिए उसमें दो लोगों का पूरी तरह से जुड़ना बेहद जरूरी है। हालांकि, सास-बहू के रिश्ते में ऐसा होना भी चाहिए। अगर दोनों ही पहले से ही इस बात को तय कर लें कि उन्हें अपने रिश्ते की शुरुआत प्यार और दोस्ती के साथ करनी है, तो सास-बहू का रिश्ता कभी भी खराब नहीं होगा।
झुक जाने में नहीं कोई हर्ज- समीरा कहती है कि रिश्तों में समय, समय के साथ आगे बढ़ना और कभी-कभार झुक जाना बहुत ज़रूरी होता है। हमारे समाज में यह विचारधारा चली आ रही है कि सास और बहू के बीच कभी का एक अच्छा रिश्ता नहीं बन सकता है। हालांकि, इस सोच को बढ़ावा देने की जगह हमें सबसे पहले ऐसी सोच को खत्म करना होगा और सभी को मन में यह बात बैठानी होगी कि रिश्ते बनाने से ही रिश्ते बनते हैं। मैंने और मेरी सास ने भी अपने रिश्ते के लिए एक ऐसी ही शुरूआत की है।