Hindi News

indianarrative

Sawan 2021: सावन का पहला सोमवार आज, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा, चारों दिशाओं के लिए जपे ये मंत्र

photo courtesy Google

सावन के पावन महीना शुरु हो चुका है।  सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। आज सावन का पहला सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि अगर कुंवारी लड़कियां इस व्रत को रख लें, तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव सारी मनोकामना पूरी करते है। सावन मास के दौरान पड़ने वाले सोमवार का दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिये बेहद खास है। चलिए आपको बताते है कि पूजा विधि समेत कई जानकारियां

सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के लिए फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री शामिल करें।

 

ऐसे करें पूजा

सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।

भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।

भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।

भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।

 

मंत्रों के साथ करें पूजा

पूर्व दिशा की ओर मुंह करके 'पूर्वे ऊँ शर्वाय क्षितिमूर्तये नमः' का मंत्र जपे।

उत्तर दिशा की ओर मुंह करके 'ऊँ रुद्राये तेजोमूर्तये नमः' का मंत्र जपे।

पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके 'वायव्ये ऊँ उग्राय वायुमूर्तये नमः' का मंत्र जपे

दक्षिण की ओर मुंह करके 'नैऋत्ये ऊँ पशुपतये यजमानमूर्तये नमः'