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Sawan 2021: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये आसान उपाय, शनि के अशुभ प्रभाव से मिलेगी मुक्ति

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सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सावन का माह भगवान शिव को बेहद लोकप्रिय है। मान्यता है कि इस माह जो भी सच्चे मन से पूजा करता है, भगवान शिव उनपर अपनी कृपा बरसाते है और सभी तरह के दोष दूर करते हैं। जिन भक्तों पर शनि भारी होता है, उन भक्तों को भगवान शंकर की पूजा करना अति फलदायी है। भक्तों पर शनि का अशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ता है। शनि का अशुभ प्रभाव से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए भगवान शंकर की अराधना करनी चाहिए। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

लिंगाष्टकम स्तोत्र

 

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।

जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥1॥

 

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।

रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥2॥

 

सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।

सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥3॥

 

कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।

दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥4॥

 

कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।

सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥5॥

 

देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।

दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥6॥

 

अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।

अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥7॥

 

सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।

परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥8॥

 

लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥9॥