आज शनिवार है यानी शनि देव का दिन। शनि को नौ ग्रहों में सबसे क्रूर और कठोर ग्रहों में से एक माने जाते है। शनिदेव हर किसी को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते है। शनिदेव जिससे प्रसन्न हो जाएं तो उसे रंक से राजा भी बना देते है, इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन शनि के अशुभ प्रभाव या शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के दौरान आप कुछ बातों का आवश्यक ध्यान रखें।
शनिदेव की आंखों में ना देखें- अपूजा करते समय उनकी आंखों में कतई ना देखें। कहा जाता है कि अगर कोई उनकी आंखों में आंखें मिलाकर पूजा करता है तो शनिदेव क्रोधित हो जाते है, इसलिए हमेशा उनके पैरों की पूजा करनी चाहिए।
लाल रंग का न पहनें- लाल रंग मंगल का प्रतीक है और मंगल के साथ शनिदेव की शत्रुता है। इसलिए शनिवार को पूजा में भूलकर भी लाल रंग के फूल या कोई लाल सामाग्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शनि की पूजा में हमेशा नीले या काले रंग का प्रयोग किया जाता है।
ना खाएं मसूर दाल- मसूर सूर्य और मंगल ग्रह से संबंधित खाद्य पदार्थ है और इन ग्रहों का शनि के साथ शत्रुवत संबंध है। ऐसे में शनिवार के दिन मसूर दाल का सेवन करने से शनि नाराज हो सकते है, इसलिए इस दिन मसूर के सेवन से भी बचना चाहिए।
सफेद तिल न चढ़ाएं- शनिदेव की पूजा में हमेशा काले तिल और खिचड़ी का ही भोग लगाया जाता है। शनिदेव को काला तिल अर्पित करने पर व्यक्ति की कुंडली में अशुभ ग्रहों की छाया दूर हो जाती है। भूल से भी शनिदेव को सफेद तिल ना चढ़ाएं।
ना खरीदें लोहे का सामान- शनिवार को कभी भी लोहे का सामान ना खरीदें। इस दिन लोहे का सामान खरीदने की बजाय लोहे का सामान दान करना चाहिए। ज्योतिष की मानें तो लोहा शनि की धातु है। इसलिए शनिवार के दिन घर में खरीदकर लाने से शनि का प्रभाव बढ़ता है।