आपने अपने जीवनभर की कमाई को बैंकों के पास गिरवी रख घर लिया, लेकिन अपार्टमेंट में आपको जो फ्लेट लिया उसमें वास्तु दोष है। मतलब यह कि सम्यक दिशाओँ के अनुरूप न किचन है न बेडरूम न पूजा घर, बाथरूम, टॉयलेट भी सही दिशा में नहीं है तो आप क्या करेंगे। तो चलिए बताते है, अगर आपके घर-मकान या फ्लैट में वास्तु दोष है तो क्या करें-
- अगर पूर्व दिशा दोष है तो पूर्व दिशा की दीवार पर सात घोड़ों पर सवार सूर्य देव का चित्र लगायें व रोज सुबह सूर्य को जल दें और सूर्य गायत्री मंत्र का सात बार जप करें।
- आग्नेय दिशा में दोष होने पर गणपति जी का चित्र लगायें व रोज गणपति जी के समक्ष दीपक जलायें और ऊँ गं गणपतये नमः का एक माला जप करें एवं घर में खुशहाली की कामना करें।
- दक्षिण दिशा में दोष हो तो एक तो दक्षिण दिशा में कभी भी ज्यादा खुली जगह मत छोड़ें। घर का भारी सामान वहां रखें। इस दिशा का स्वामित्व हनुमान जी के पास है तो ऐसी स्थिति में हर मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें व रोज घर में हनुमान चालीसा पढ़ें।
- नैर्ऋत्य दिशा में दोष हो तो राहु की वजह से आपको समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। राहु को शांत करने के लिए घर में गाय के अर्क को पानी में मिलाकर पोछा लगवायें व रसोई घर में बैठकर खाना खायें।
- पश्चिम दिशा में दोष हो तो हर शनिवार शनि मंदिर जायें व सरसों के तेल का दान करें व पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलायें।
- वायव्य दिशा में दोष हो तो सोमवार का व्रत करें। एक माला ‘ऊँ नमः शिवाय’ का जप करें व कच्ची लस्सी शिवलिंग पर अर्पित करें।
- उत्तर दिशा में वास्तुदोष हो तो गाय को हरा चारा डालें। मां लक्ष्मी, मां दुर्गा की आराधना करें व कन्या पूजन समय-समय पर करते रहें।
- ईशान दिशा में दोष हो तो गुरु स्थान पर धार्मिक पुस्तक का दान करें। गुरुओं की व केले के पेड़ की सेवा करें।
वास्तु दोषों का उपाय करने के लिए बड़े बुजुर्गों की सेवा करते हैं, देशी गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाने और सुबह सूर्य को जल देना चाहिए। शुचिता के साथ तुलसी लगाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी वास्तुदोष कम होते हैं।
देखिए, अगर आपको दिशाओं का सही ज्ञान नहीं है तो आप कम्पास का उपयोग कर सकते हैं। कम्पास देखने में भी परेशानी है तो किसी वास्तुशास्त्री की मदद लेनी चाहिए। ध्यान यह रखना चाहिए कि नीम-हकीम के चक्कर में कभी न पड़ें। गलत उपाय करने से लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती है।