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Skanda Sashti 2021: आज है स्कंद षष्ठी व्रत, संतान प्राप्ति के लिए ऐसे करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, ग्रह दोष से भी मिलेगी मुक्ति

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आज स्कंद षष्ठी है। हर महीने की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं। भगवान कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है। इसी कारण से इस तिथि को स्कंद षष्ठी कहा जाता है। स्कंद षष्ठी को संतान षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने से संतान को सभी प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है। भगवान कार्तिकेय की पूरे विधि-विधान के साथ अगर पूजा की जाए तो जीवन से सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। व्यक्ति ग्रह बाधा से मुक्त हो जाता है। इसके साथ ही सुख और वैभव की प्राप्ति होती है।

स्कन्द षष्ठी का शुभ मुहूर्त

शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारम्भ: 15 जुलाई 2021, सुबह 07:16 पर

शुक्ल षष्ठी तिथि समापन: 16 अगस्त 2021, सुबह 06:06 पर

 

ऐसे करें स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा-

स्कंद षष्ठी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें। इसके बाद घर की सफाई करें और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें। फिर साफ वस्त्र धारण करें और सबसे पहले ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। फिर पूजा स्थल पर माता पार्वती और शिवजी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। फिर उन्हें जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि अर्पित करें और पूजा करें। अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करना करें। शाम के समय भजन-कीर्तन कर पूजन करें। अगले दिन व्रत का पारण करें।

 

भगवान कार्तिकेय के मंत्र

देव सेनापते स्कन्द कार्तिकेय भवोद्भव।

कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥