भारतीय बाजार में इस वक्त कई विदेशी कारों का दबदबा है और इन कंपनियों की कारें जमकर बिकती हैं। लेकिन सेफ्टी के मामले में ये कारे भरोसेमंद नहीं है। वाहन खरदीते वक्त कीमत और फीचर्स के साथ-साथ सबसे अहम होता है सेफ्टी लेकिन अगर जो कंपनी ग्राहकों को अपनी कारों की सेफ्टी ही न दे पाए तो ऐसे में ग्राहकों का मनोबल कम होता है। भारत में जमकर बिकने इन कारों की डिडाइन से लेकर फीचर्ज तो कमाल के दिए गए हैं लेकिन जब सेफ्टी की बात आई तो ये फिसड्डी निकली। इन कारों को NCAP से काफी कम रेटिंग प्राप्त हुई है।
यह भी पढ़ें- ये देशी कंपनी दे रही इन कारों पर 82 हजार रुपए तक की छूट
हुंडई सेंट्र
भारत में हुंडई की कारें काफी लोकप्रीय हैं, और कंपनी की मार्केट में अपनी अलग ही पहचान है। हुंडई की सेंट्रो कार जमकर बिकी लेकिन ये कार सेफ्टी के मामले में बहुत कम ही रेटिंग पा सकी है। इस कार के ड्राइव साइड वेरिएंट को 2019 में टेस्ट किया गया था। सेफ्टी के मामले में इसमें ड्राइवर साइड एयरबैग, SBR, ABS सिस्टम दिया गया है। साथ ही इसकी बॉडी शेल इंटरगिटी को भी अस्थिर घोषित किया गया था। लेकिन, एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग में से 2 स्टार मिले हैं।
मारुति सेलेरियो
मारुति की कई बेस्ट सेलिंग कारें इन दिनों लगातार सेफ्टी के मामले में फिसड्डी निलक रही हैं। मारुति सुजुकी की सेलेरियो एक प्रसिद्ध 5-डोर हैचबैक कार है। सेफ्टी के मामले में इस कार को जीरो रेटिंग मिली है। इसमें न तो ABS और न ही EBD जैसी सुविधाएं दी गई है। इस कार को टेस्ट के दौरान 64किमी की स्पीड पर टेस्ट किया गया है। चाइल्ड सेफी के मामले में इसे सिर्फ 1 स्टार रेटिंग दी गई है।
यह भी पढ़ें- Skoda ला रही है ऐसी सब-कॉम्पैक्ट SUV जो ब्रेजा-वेन्यू जैसी कारों की कर देगी छुट्टी
मारुति ईको
मारुति की ही एक और कार मारुति ईको जो 7 सीटर कार है और यह काफी लोकप्रीय भी है। EECO के नॉन एयरबैग वर्जन की टेस्टिंग साल 2016 में की गई थी और इसका वजन 1124 किलो था। वाहन के किसी भी संस्करण में कोई सुरक्षा विशेषताएं मौजूद नहीं पाई गई थी। इसकी बॉडी शेल इंटरगिटी को भी अस्थिर घोषित किया गया था। इसे एडल्ट सेफ्टी रेटिंग में 0 स्टार और कोल्ड सेफ्टी रेटिंग में 2 स्टार मिले।