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Vastu Tips: घर में काली शक्तियों को बुलावा देती है आपकी ये गलतियां, भूलकर भी न करें ये काम

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वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के आकार पर जरूर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। घर हमेशा वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। अगर आप जमीन भी ले रहे हैं तो वो भी वर्ग या आयत के आकार में होनी चाहिए, ये घर के लिए काफी शुभ माना जाता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार घर या फ्लैट खरीदने से पहले ये अच्छी तरह देख लें कि मुख्य द्वार की दिशा क्या है। धन और करियर में सफलता के लिए पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान, दक्षिणी आग्नेय और पश्चिमी वायव्य में बना मुख्य द्वार शुभ माना गया है। दक्षिण-पश्चिम दिशा द्वार वाला घर उधार, गरीबी और रिश्तों में समस्याएं पैदा करता है। मुख्य द्वार का दरवाजा अंदर की तरफ खुले तो शुभ रहेगा।

घर में बने कमरों पर भी आपकी सुख-समृद्धि टिकी है। बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए बेडरूम घर के दक्षिण, पश्चिम या पूर्व दिशा में होने चाहिए। यदि आपका बेडरूम दक्षिण-पूर्व के बीच में है,तो आप इस कमरे में अपने जीवनसाथी के साथ नोकझोक करते रहेंगे। मकान के मुखिया दंपत्ति के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना हुआ कमरा अच्छा माना गया है।

घर खरीदने से पहले टॉयलेट की दिशा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। शौचालय उत्तर-पूर्व में न बना हुआ हो,यहां बना हुआ टॉयलेट अनेकों परेशानियों का कारण बन सकता है। जिन घरों में इस दिशा में टॉयलेट होता है, ऐसे घर को परिवार के सुख और शांति के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। रसोई और स्टोर भी यहां नहीं होने चाहिए।

घर कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं लेना चाहिए जहां पर बिजलीघर या ट्रांसफार्मर लगा हो, ऐसे स्थान पर घर लेने से घर के आस-पास नेगेटिव एनर्जी बनी रहती है।

घर के आस-पास कोई बड़ा नाला या घर के ठीक सामने कोई बड़ा वृक्ष नहीं होना चाहिए, ऐसा होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार में बाधा होती है।

वास्तु की मानें तो घर में उत्तर-पूर्व दिशा को खाली रखना शुभ माना जाता है इससे घर में पॉजिटिविटी तो आती है, साथ ही घर के सदस्य से बीमारियां कौसों दूर हो सकती हैं अतः घर खरीदते समय देख लें कि उत्तर और उत्तर-पूर्व खुला हुआ हो वहीं दक्षिण और पश्चिम दिशा में निर्माण अधिक होना चाहिए।