हमारे जीवन में जो कुछ भी घटता है, वो कही न कही वास्तु शास्त्र से जुड़ा होता है। आज हम आपको घर के दरवाजे से जुड़े वास्तु शास्त्र के बारे में बताएंगे। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, आपको अपने घर का दरवाजा यमराज के दिशा में कभी भी नहीं बनवाना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे कि यमराज की दिशा कौन सी होती है। तो हम आपको बता दें कि वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा मानी जाती है।
इस दिशा का स्वामी स्वयं यम होता है। इस दिशा के शुभ-अशुभ प्रभाव सीधा स्त्रियों पर पड़ता है। अगर आप दक्षिण की ओर घर बनवा रहे है तो ध्यान रखें कि दक्षिण भाग ऊंचा होना चाहिए। इससे घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुश होते है। अगर दक्षिण दिशा के घर का पानी उत्तर राशि की ओर बहता है, तो इससे धन लाभ होता है। लेकिन ध्यान रहे कि मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।
अगर आपका घर का मेन दरवाजा दक्षिण की ओर है तो द्वार के ठीक सामने एक शीशा लगा ले। इस शीशे से घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति पूरा दिखाई दे। ऐसा करने से व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक शक्ति पलटकर वापस चली जाती है।
वास्तुदोष को दूर करने के लिए घर के दरवाजे की दक्षिण दिशा में हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर लगाने से कलह दूर होती है। इसके अलावा, दक्षिण दिशा में सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में सोने से फेफड़ों की गति मंद हो जाती है। आपने देखा होगा कि मृत्यु के बाद इंसान के पैर दक्षिण दिशा की ओर कर दिए जाते है, ताकि उसके शरीर से बचा हुआ जीवांश समाप्त हो जाए। दक्षिण दिशा कुछ कामों के लिए शुभ नही मानी जाती।