घर में आपके अपनों का स्वभाव घर में मौजूद सभी चीजों पर निर्भर करता हैं। आपके घर पर हो रहे पेंट पर भी… बच्चों का चिड़चिड़ापन या फिर पढ़ाई में लग रहा मन, ये सब घर में हो रहे पेंट से होने वाले प्रभाव होते हैं। अगर आपका बच्चा पढ़ाई को लेकर कॉन्सनट्रेट नहीं है तो बदलाव की जरूरत है। आपको बता दें कि बच्चों के सोने का और पढ़ाई का कमरा अलग-अलग होना चाहिए। स्टडी रूम में सबसे पहले डेकोरेशन का पूरा ख्याल रखना चाहिए। जिससे बच्चे का पढ़ने में मन लगा रहे।
पेंट की बात करें तो कमरे में पेंट ज्यादा चमकदार और भड़कीला न हो। कलर ब्राइट हो, लेकिन लाइट भी होना चाहिए। जैसे निंबूआ कलर या फिर सफेद और क्रीम रंग का पेंट करवाएं। छत पर भी सफेद या क्रीम कलर ही करवाएं। लोग घर की दीवारों पर काले रंग का प्रयोग करते हैं। वास्तु कहता है कि बच्चों के रहने के कमरे और पढ़ाई करने के कमरे में काले रंग का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए। इससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा बच्चों के कमरे में गहरा ब्राउन, ग्रे आदि रंग भी नहीं करने चाहिए।
ज्योतिष और वास्तु दोनों में ही काले रंग के प्रयोग को लेकर बचने को कहा जाता है। वास्तु के अनुसार घर के कुछ स्थानों पर काले रंग का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि कपड़ों से लेकर घर में रंग करवाने और सामान तक में काले रंग के प्रयोग को कम से कम वरीयता दी जाती है। वास्तु में कुछ विशेष स्थानों के बारे में बताया गया है, जहां पर काले रंग का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।