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Vastu Tips: सोते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, नहीं तो घर से चली जाएंगी मां लक्ष्मी, छाने लगेगी कंगाली

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यूं तो शरीर को सेहतमंद रखने के लिए व्यक्ति को 8 घंटे की नींद लेना जरुरी है, इससे शरीर और दिमाग दोनों की थकान दूर होती है, लेकिन भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के चलते लोग सही नींद नहीं ले पाते।  वास्तुशास्त्र के मुताबिक ठीक से नींद न ले पाने की पीछे कई बार उसकी दिशा या कुछ अन्य आदतें भी जिम्मेदार होती है। अगर व्यक्ति वास्तु शास्त्र में बताए नियमों का पालन करे तो न सिर्फ चैन की नींद ले सकता है, बल्कि अपनी शारीरिक-मानसिक सेहत और आर्थिक स्थिति को भी बेहतर कर सकता है। चलिए आपको बताते है कि वास्तु के अनुसार सोने के नियम…

वास्तु के अनुसार सोने की सबसे बेहतर दिशा पूर्व मानी गई है। मान्यता है कि पूर्व दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति के दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है। उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है और एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा पश्चिम दिशा की तरफ भी सिर करके सोया जा सकता है। इससे यश-कीर्ति में बढ़ोतरी होती है।

व्यक्ति दक्षिण दिशा में भी सिर करके सो सकता है, लेकिन कभी उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा में सिर करके सोने से नकारात्मक विचार आते हैं और कई तरह की बीमारियां पनपती हैं। वहीं दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से सुख-समृद्धि आती है।

सोने से पहले हमेशा हाथ मुंह को धोना चाहिए और कुल्ला करना चाहिए। कभी भी जूठे मुंह नहीं सोना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे, तो आप स्वयं महसूस करेंगे कि आपको बहुत अच्छी नींद आएगी।

गंदे बिस्तर या टूटे बेड पर सोना भी वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को बीमारियां घेर लेती हैं. इसके अलावा कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं सोना चाहिए।

सूने घर जिनमें कोई न रहता हो, श्मसान, मंदिर के गर्भगृह और कमरे में बिल्कुल अंधेरा करके नहीं सोना चाहिए। सोते समय हल्का प्रकाश जरूर रखें।

आपको बता दें कि पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति तनाव और मानसिक रोगों का शिकार हो सकता है क्योंकि उसके शरीर और दिमाग को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता। इसके कारण शरीर में दर्द, अकड़न और थकावट जैसी समस्याएं होती हैं। पाचन तंत्र डिस्टर्ब हो जाता है और तमाम बीमारियां घेर लेती है, इसलिए ठीक से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।