व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर पिछले पांच महीने से विवाद चलता आ रहा है। व्हाट्सएप ने 15 मई से अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी भारत समेत कई देशों में लागू कर दी है। व्हाट्सएप की पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब मांगा है। केंद्र सरकार और व्हाट्सएप कंपना को जल्द ही अपना जवाब कोर्ट के सामने पेश करना होगा। सरकारी सूत्रों की मानें तो इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को चेतावनी दी है और अपनी नई पॉलिसी को वापस लेने के लिए कहा है।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इस संबंध में 18 मई को एक ऩोटिस भी भेजा गया। इस नोटिस में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय यूजर्स की निजता, डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है। करोड़ों भारतीय यूजर्स कम्यूनिकेशन के लिए प्रमुख रूप से व्हाट्सएप पर निर्भर हैं। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी को लागू करके कंपनी ने गैर-जिम्मेदार होनेा का प्रमाण दिया है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर व्हाट्सएप अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी वापस नहीं लेता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी कई भारतीय कानूनों को तोड़ने वाली है। मंत्रालय ने व्हाट्सएप से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है और ये भी कहा है कि अगर वो संतोषजनक जवाब नहीं देते तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। आपको बता दें कि व्हाटसएप की प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो गई है। व्हाटसएप ने कहा है कि अगर आप उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो वो आपके अकाउंट को डिलीट तो नहीं करेगा लेकिन धीरे-धीरे करके सभी फीचर्स को बंद कर देगा।