देश की बेटियों के लिए बड़ी खुशखबरी हैं। दरअसल, अब लड़कियां भी एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परीक्षा दे सकती हैं। ये परीक्षाएं 14 नवंबर को होने वाली है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना बड़ा फैसला सुनाया। इस फैसले से सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि महिलाओं और पुरुषों को एक समान अवसर देने में सोच सबसे बड़ी समस्या है। अभी तक इस एकेडमी में सिर्फ पुरुषों को ही एडमिशन मिलता है। लेकिन अब महिलाओं को भी दाखिला मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित एडवोकेट कुश कालरा की तरफ से रिट पीटिशन दायर की गई थी। इसमें मांग की गई थी कि महिलाओं को भी एनडीए का एग्जाम देने की मंजूरी दी जाए। सेना की तरफ से सुनवाई में शामिल काउंसल ने कहा है कि यह एक नीतिगत फैसला है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीतिगत फैसला लैंगिक भेदभाव पर आधारित है। आपको बता दें कि नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए महाराष्ट्र के पुणे के खड़कवासला में स्थित है। इसमें एडमिशन लेना हर युवा का सपना होता है। यहां तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद कैडेट एक ऑफिसर में बनता है।
इस इंस्टीट्यूट में देश के भावी मिलिट्री ऑफिसर्स को न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर भी मजबूत बनाया जाता है। एनडीए दुनिया की पहली ऐसी मिलिट्री एकेडमी है जहां पर सेनाओं के तीनों अंगों आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के ऑफिसर्स को एक साथ ट्रेनिंग दी जाती है। 16 जनवरी 1955 को एनडीए का उद्घाटन हुआ था। साल 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सूडान में भारतीय सैन्य दल के लिए जो राशि दान की गई थी, उसी राशि से एनडीए की बिल्डिंग का निर्माण हुआ, इसलिए मेन बिल्डिंग को सूडान ब्लॉक कहा जाता है।
आपको बता दें कि यूपीएससी के एग्जाम के तहत एनडीए में एडमिशन होता है। तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए एनडीए ही एक सेंटर प्वाइंट है। औसतन 1470 ऑफिसर्स हर साल कमीशन होते हैं। इसमें से 670 ऑफिसर्स इंडियन मिलिट्री एकेडमी और एनडीए से आते हैं जबकि कुछ ऑफिसर्स ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से आते हैं। दरअसल, ओटीए वो जगह है जहां पर महिलाओं और पुरुषों को एक साथ कमीशन दिया जाता है। इससे अलग 453 ऑफिसर्स शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए नॉन-टेक्निकल और टेक्निकल विंग में जाते हैं।
फिलहाल, महिलाओं के लिए ओटीए का रास्ता ही खुला हुआ है। ओटीए के जरिए, महिलाओं को सेना में शार्ट सर्विस के लिए चुना जाता है। इस सर्विस के तहत, 18 साल की नौकरी के बाद, महिला या पुरुष अधिकारी सेवानिवृत्ति हो जाते हैं। वहीं कुछ साल पहले, महिलाओं को यह अधिकार दिया गया था कि दस साल की नौकरी के बाद वह स्थाई कमीशन के लिए आवेदन कर सके। आवेदन करने वाली पिछली अधिकारियों की पिछली नौकरी के आधार पर स्थाई कमीशन के लिए चुनाव किया जाता है।