हर साल 22 अप्रैल को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। अर्थ डे पहली बार 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया। 193 देशों में इसको मनाया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की थी।
बिते कुछ दशकों में जिस तरह से ओजोन लेयर में छेद हो चुका है ,जलवायु परिवर्तित हो रही है, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और प्रदूषण फैल रहा है जिससे पृथ्वी को भारी क्षती पहुंच रही है। मनुष्य पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से भाग रहा है, यही कारण है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके विश्वभर के लोगों का ध्यान इस और आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है।
पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए पिछले काफी समय से कुछ देश इसे बड़ी गंभिरता से इसपर काम कर रहे हैं। एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू ने दुनिया के 76 देशों की सूची जारी की है। इस सूची में अव्वल देश पर्यावरण को अच्छा बनाने के लिए लगातार काम रहे हैं।
एमआईटी टेक्नोलॉजी द्वारा जारी किए गए ग्रीन फ्यूचर इंडेक्स में पहले से पांचवें स्थान पर क्रमशः आइसलैंड, डेनमार्क, नार्वे, फ्रांस और आयरलैंड है। आइसलैंड ने कॉर्बन उत्सर्जन के क्षेत्र में काफी काम किया है तो वहीं, डेनमार्क और नार्वे ने जीवाश्म ईंधन की दिशा में अच्छा काम किया है। फ्रांस ने हाइड्रोजन इंडस्ट्री के विकास पर उत्कृष्ट कार्य किया है। इस सूची में निचले पायदान पर रूस, पैराग्वे और कतर हैं। इस सूची में शीर्ष 20 देशों में से 15 यूरोप में हैं। गैर-यूरोपियन देशों में सबसे अच्छा काम कोस्टारिका (सातवें) और न्यूजीलैंड (आठवां) का है।
ग्रीन फ्यूचर इंडेक्स को जारी करते समय पांच पैमानों को ध्यान में रखा गया था। ये पैमाने कॉर्बन उत्सर्जन, एनर्जी ट्रांजिशन, ग्रीन सोसाइटी या नागरिकों के पर्यावरण को बेहतर बनाने को लेकर संकल्प, क्लीन एनर्जी में इनोवेशन और क्लाइमेट पॉलिसी थे।
एशियाई देशों में इंडिया बेहतर
ग्रीन फ्यूचर इंडेक्स में एशियाई देशों में इंडिया की स्थिति बेहतर है। इंडिया इस सूची में चीन और पाकिस्तान को पछाड़ 21 वें पायदान पर है। चीन जहां इंडेक्स में 45 वें नंबर पर है, वहीं पाकिस्तान 67वें स्थान पर है और बांग्लादेश 69वें नंबर पर है।