अफगानिस्तान की अशरफगनी सरकार के खिलाफ तालिबानियों को मदद और शरण देने के मुद्दे पर पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। इमरान खान के बड़बोले मंत्री शेख रशीद ने एक उर्दू मीडिया नेटवर्क से बातचीत के दौरान कबूल कर लिया है कि अफगान सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए तालिबानियों के शव पाकिस्तान में दफ्न किए जाते हैं। घायल तालिबानियों का इलाज पाकिस्तान के अस्पतालों में होता है और उनके परिवार पाकिस्तान के शहरों में रहते हैं। तालिबानियों के बारे में खबर यह भी है कि पाकिस्तान आर्मी उनके परिवारों को सुरक्षा मुहैया करा रही है। शेख रशीद का यह कबूलनामा ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी फौजें वापस कर रहा है और अफगानिस्तान में तालिबान हिंसा बढ़ गई है।
शेख रशीद के कबूलनामे से पहले पाकिस्तान ने कभी खुल कर कबूल नहीं किया था कि तालिबान लड़ाके पाकिस्तान में रहते हैं।इस्लामाबाद लगातार अफगानिस्तानी नेताओं की ओर से लगाए जाने वाले उन आरोपों को खारिज करता रहा है, जिनमें कहा जाता है कि तालिबानी विद्रोही गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल करते हैं। पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनल जियो न्यूज की ओर से रविवार को प्रसारित किए गए एक इंटरव्यू में शेख रशीद ने कहा, ''तालिबान परिवार यहां पाकिस्तान में रहते हैं। वे रवात, लोई बेर, बारा काहू और तरनोल जैसे इलाकों में रहते हैं।'' गृहमंत्री की ओर से बताए गए इलाके इस्लामाबाद के फेसम इलाके हैं।
शेख रशीद ने कहा कि उनके तालिबान लड़ाकों के शव आते हैं और कई बार वे यहां अस्पतालों में इलाज कराने आते हैं।'' पाकिस्तान पर अक्सर तालिबानी आतंकियों के समर्थन और उन्हें बढ़ावा देने का आरोप लगता है, जो पिछले दो दशक से अफगानिस्तान की सरकार से लड़ रहे हैं। इतने बड़े नेता और मंत्री की ओर से यह सच स्वीकार किया जाना बेहद दुर्लभ है।
इसी इंटरव्यू में रशीद ने कहा कि पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ दुश्मनों के उन इलाकों में ड्रोन हमलों को प्रभावी मानते थे, जो पाकिस्तानी बलों की पहुंच से बाहर हैं। तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान की सरकार के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। 1 मई से अमेरिकी अगुआई वाली अंतरराष्ट्रीय सेना की वापसी के बाद ऐसा हो रहा है। पिछले सप्ताह ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनका देश अमेरिका को तालिबान के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा।