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Ambedkar Jayanti: डॉ भीमराव अंबेडकर के सात अनमोल विचार, कामयाबी कदम चूमेगी बार-बार

photo courtesy DNA

14 अप्रैल को डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है। इस साल भीमराव आंबेडकर की 130 वीं जयंती मनाई जाएगी। भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू के एक छोटे से गांव में हुआ था। वो मराठी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और मां का नाम भीमाबाई था। आंबेडकर पढ़ाई में काफी होशियार थे। उनका चयन 1913 में अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हुआ था। उन्होंने यहां से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और 1916 में उन्हें एक रिसर्च के लिए पीएचडी से सम्मानित किया गया था।
 
उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। वो सफलता के अद्भुत मिसाल है। जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए। बाबा साहेब ने अपने अनमोल विचारों को कभी नहीं छोड़ा और उसी पथ पर चलते हुए सफलता के शिखर को छुआ। चलिए, आपको उनकी 130वीं जयंती के मौके पर बताते है, उनके अनमोल विचारों को… जिसे आप अपनी जिंदगी में अपनाकर बुलंदियों को छू सकते है।
 
  • बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का मानना था कि जीवन लंबा नहीं बल्कि महान होना चाहिए। 
  • वो एक ऐसे धर्म को मानते हूं जहां स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सीखने को मिले।
  • हिंदू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
  • बाबा साहेब ने कहा था कि अगर मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
  • जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो सब व्यर्थ है। 
  • बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए।
  • समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।