रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से भरी कार छोड़ने का जो खुलासा हुआ वो बहुत चौंकाने वाला है। अगर जांच एजेंसियां ईमानदार रहीं तो कुछ ऐसे और भी खुलासे हो सकते हैं जिनसे अपराध और राजनीति के गंभीर नेक्सस सामने आ सकता है। हालांकि एनआई ने सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि सचिन वाझे ने विस्फोटक लदी स्कॉरपियो कार एंटीलिया के पास छोड़ने की बात कबूल कर ली है। इस काण्ड में ज्यादा जानकारी से पहले यह जानना जरूरी है कि सचिन वाझे कौन हैं, और उन्हें इतना महत्वपूर्ण केस क्यों सौपा गया?
मुंबई पुलिस का निलंबित अफसर और शिव सेनिक
सचिन वाझे ने 2002 में घाटकोपर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपी ख्वाजा यूनुस को गिरफ्तार किया था। इसमें कोई शक नहीं कि ख्वाजा यूनुस आतंकी वारदात में शामिल था। लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। उस समय के राजनीति-और अपराधियों का नेक्सस सचिन वाझे समेत 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कराने में सफल हो गया। उस समय बाला साहेब ठाकरे जीवित थे। सचिन वाझे उनसे प्रभावित था। विभाग से इंसाफ न मिलने की गुंजाइश न देखते हुए सचिन वाझे ने 2008 में मुंबई पुलिस से इस्तीफा दे दिया और शिव सेनिक बन गया। सचिन इस बीच कई किताबें लिखीं, एक वेबसाइट भी खोली। टीवी चैनलों पर क्राइम स्पेशलिस्ट के तौर पर टॉक शो में शामिल होता था।
उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुंबई पुलिस में बहाली
सन् 2008 से लेकर 2020 तक सचिन ने बहुत कुछ ऐसा किया जो अभी तक मीडिया के सामने नहीं आया है। महाराष्ट्र में जैसे ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने वैसे ही सचिन वाझे के सारे पाप पुण्य में तब्दील हो गए। सरकार ने मुकदमे वापस लेलिए और सचिन वाझे समेत सभी निलंबित पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया गया। इस्तीफा दे चुके सचिन वाझे ने फिर से मुंबई पुलिस की वर्दी पहन ली। इसके बाद सचिन वाझे को मुंबई के महत्वपूर्ण केसों की फाइलें सचिन वाझे के पास पहुंचने लगीं। सोशल मीडिया के फेक एकाउंट वाला केस भी सचिन वाझे के पास था। सचिन वाझे की मुंबई पुलिस में फिर से डंका बजने लगा। सचिन वाझे को फर्जी टीआरपी केस दिया गया था। इस केस में सचिन वाझे ने ही अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार किया था।
अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने वाली टीम का लीडर
इसी दौरान सचिन वाझे से एक गलती हो गई। अर्णव गोस्वामी को गिरफ्तार करने गई सचिन वाझे की टीम में शामिल पुलिस के वाहनों में चोरी की एक स्कॉर्पियो कार भी थी। यह वही स्कॉरपियो कार थी जो मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास खड़ी की गई थी। इसी कार में स्कॉर्पियो में विस्फोटक छड़ें भी थीं। बस, यही चूक सचिन वाझे के गले की हड्डी बन गई। इसी कार के रंग रूप और नम्बर से मीडिया और स्कॉर्पियो के असली मालिक और फिर मनसुख हीरेन तक पहुंच गई। इस पहेली का खुलासा होने ही वाला था मनसुख हीरेन की हत्या हो गई। मनसुख का शव मुंबई क्रीक में मिला। मनसुख की पत्नी ने हत्या का सीधा आरोप सचिन वाझे पर लगाया। मनसुख की पत्नी ने मीडिया को यह भी बताया कि यह स्कॉर्पियो कार पिछले कई महीने से सचिन वाझे के पास थी।
मनसुख और सचिन की व्हाट्स एप डिटेल विधानसभा के पास
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सचिन वाझे और मनसुख हीरेन के व्हाट्स एप चैट विधान सभा के सामने रख दिए। लगभग साफ हो चुका था। सचिन वाझे इस मामले में शामिल है। इसके बावजूद उद्धव ठाकरे और शिव सेना सचिन वाझे को बचाने में लगे रहे। आतंकी गैंग के शामिल होने की आशँका में एंटीलिया केस एनआईए को स्थांतरित कर दिया गया। एनआईए ने सचिन वाझे को सम्मन किया और 12 घण्टे की पूछताछ करने के बाद शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया।
सचिन वाझे से शिवसेना के शीर्ष रसूखदारों का निकट संबंध
मोरल ऑफ स्टोरी साफ है कि शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के (अपने पूर्व शिव सैनिक) सचिन वाझे से घनिष्ठ संबंध हैं। एंटीलिया काण्ड में क्या किसी सियासी दल की मिलीभगत है यह भी सामने ही है। बहरहाल, गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे ने एनआईए की पूछताछ में कई 'खुलासे' किए हैं। कई न्यूज चैनल्स की रिपोर्ट्स है कि, सचिन वाझे ने मुकेश अंबानी के घर (एंटीलिया) के बाहर विस्फोटक रखने में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है। सचिन वाझे ने एनआईएस के सामने कुछ नेताओं के नाम भी बताए हैं जो इस पूरी साजिश में मुख्य रूप से शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सचिन ने कथित रूप से NIA से कहा, "मैं केवल आइसबर्ग (हिमखंड) का एक टुकड़ा भर हूं।"
25 मार्च तक एनआईए की कस्टडी में रहेगा सचिन वाझे
ध्यान देने वाली बात यह है कि एनआईए ने रविवार को स्पेशल कोर्ट के सामने जो दलील और सबूत पेश किए वो बेहद अहम हैं। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अगले 10 दिन तक एनआईए की कस्टडी में रखे जाने का आदेश पारित किया है।