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1981 तक हैदराबाद नगर निगम का नाम भाग्यनगर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ही था, देखिए सबूत

1981 तक हैदराबाद नगर निगम का नाम भाग्यनगर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ही था, देखिए सबूत

1981 तक हैदराबाद नगर निगम का नाम <strong>भाग्यनगर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी</strong> ही था। जिसका सबूत आंध्र प्रदेश के सातवें मुख्यमंत्री टी. अंजैया (Tanguturi Anjaiah) के द्वारा सितंबर 1981 में उद्घाटित किये गये नागरिक वाणिज्य केंद्र की यह शिला पट्टिका है। टी. अंजैया अक्टूबर 1980 से फरवरी 1982 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए बाद में इसके नाम से भाग्यनगर हटा दिया।

मुख्यमंत्री के रूप में टी. अंजैया के कार्यकाल के दौरान दो युवा नेताओं डॉ. वाई.एस.राजशेखर रेड्डी और एन. चंद्रबाबू नायडू को बहुत महत्व दिया गया था। एनटी रामाराव को राज्यसभा का सदस्य बनाने की भी चर्चा उनके कार्यकाल में बहुत हुई थी। टी. अंजैया को पी. जनार्दन रेड्डी का राजनैतिक गुरु भी कहा जाता था।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव-2020 के लिए चुनाव प्रचार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे भाजपा के दिग्गज पहुंचे थे। अमित शाह ने जहां हैदराबाद के भाग्यलक्ष्मी मंदिर में जाकर पूजा-पाठ किया,वहीं योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की तरह हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखने की बात कहकर एक नया मुद्दा उठा दिया।

योगी के हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने के बयान के बाद एक विशेष तरह की धर्मनिरपेक्षता के समर्थकों ने इसे अनैतिहासिक और किस्से-कहानियों के आधार पर इतिहास को मनमाने ढंग से गढ़ने का प्रयास बताया। जबकि इस तथ्य पर सभी सहमत हैं कि नया गोलकुंडा नगर बसाने के बाद मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने इसका नाम बदलकर हैदराबाद कर दिया। इस नाम परिवर्तन को साबित करने के लिए खुद को महान ऐतिहासिक ज्ञानी बताने वाले भी एक कहानी का ही सहारा लेते हैं।

बहरहाल ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव के नतीजे अब सामने आ गए हैं। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ टीआरएस (TRS) ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव-2020 में 150 वार्डों में से 55 पर जीत हासिल की। जबकि भाजपा ने 48 और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) ने 44 सीटों पर जीत हासिल की है।

एक बात पर बहुत लोग इस बार खुश हो रहे हैं कि हमने ओवैसी को उसके गढ़ में हरा दिया! एक बार हैदराबाद नगर निगम के नतीजे देख लें तो सब समझ में आ जायेगा…ओवैसी नहीं हारा है, हाँ हिन्दू जरूर बंट गया है। बीजेपी को इस बात के लिए जरूर बधाई देनी चाहिए कि उसने बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नतीजे साफ बताते हैं कि टीआरएस हारी है, बीजेपी जीती है लेकिन ओवैसी की ताकत में कोई कमी नहीं आई है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव-2020 में आए नतीजों को देखते हुए ओवैसी से सावधान रहने की जरूरत है।.