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CPC 100 Yrs: चालबाज मक्कार और चालाक चीन और शी जिनपिंग को इंडिया के पीएम मोदी ही सिखा सकते हैं सबक

CPC 100 yrs

झूठ-मक्कारी और बेईमानी चीन की फितरत में शामिल है। मंगोलिया, ताईवान साउथ चाईना सी, तिब्बत और न जाने किन-किन देशों की जमीनें हड़प चुका है। श्रीलंका का पोर्ट जब्त कर चुका है। पाकिस्तान की कई खदानों और ग्वादर पर काबिज हो चुका है। फिर भी शी जिनपिंग कहते हैं कि हमने न किसी को दबाया और न किसी की देश के नागरिक को अपने अधीन करने कोशिश की है। शी जिनपिंग को मालूम है या नहीं, कि 1962 में धोखे से हमला कर अक्साई चिन पर बलात् कब्जा कर रखा है। शी जिनपिंग आंख किसे दिखाएंगे, अब वो दिन लद गए। माओ के कपड़े पहन कर माओ जैसा दिख सकते हैं लेकिन माओ के दिन वापस नहीं आ सकते। दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है।शिन जिनपिंग ने कहा कि हम किसी को यह अनुमति नहीं देंगे कि कोई हमें ताकत आंखें दिखाए। यह कहने से पहले शीजिनपिंग को सोचना चाहिए कि दुनिया आंखें केवल दिखाएगी नहीं बल्कि आंखें नौंचने की हैसियत रखती है।

शी जिनपिंग की चेतावनी सिर्फ चीन के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी है। याद है भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम चीन की आंखों में आंखें डाल कर बात करते हैं। जो लोग सोच रहे हैं कि चीन ने केवल अमेरिका को धमकी दी है तो यह उनकी भूल है। चीन ने भारत को भी परोक्ष रूप से चेतावनी दी है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन दूर से बैठकर सहयोग कर सकते हैं मगर सच्चाई यह है कि चालबाज, मक्कार और चालाक चीन को अगर कोई सबक सिखा सकता है तो वो इंडिया के पीएम नरेंद्र मोदी ही है। दुनिया मोदी की ओर आशा भरी निगाह से देख रही है।

शी जिनपिंग इस समय आंतिक विघटन के दौर से भी गुजर रहे हैं। चीन पर ताउम्र राज करने का रास्ता भले ही उन्होंने साफ कर लिया हो, लेकिन भारत के साथ विवाद और कोरोना जैसे मुद्दों पर चीन की जनता ही नहीं बल्कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में भी शी जिनपिंग के खिलाफ स्वर मुखर हो रहे हैं। इसका एक उदाहरण बीेते दिनों पोलित ब्यूरो के सभी मेंबरों को अपने प्रति वफादारी की कसम दिलवाने का ड्रामा है। इस ड्रामें को चीन के सरकारी टीवी चैनलों पर प्रसारित भी किया गया।

चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के 100साल पूरे होने पर राजधानी पेइचिंग में आयोजित शानदार जश्‍न में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान पर दुनिया को खुली चेतावनी दे दी। उन्‍होंने अमेरिका और ताइवान का नाम लिए बिना कहा कि किसी को भी चीन की क्षेत्रीय एकजुटता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए चीनी लोगों की मजबूत इच्‍छाशक्ति, इरादे और बेजोड़ ताकत को कम करके नहीं आंकना चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा हम किसी भी ऐसी विदेशी ताकत यह अनुमति नहीं देंगे कि वह हमें आंख दिखाए, दबाए या हमें अपने अधीन करने का प्रयास करे।

इस ऐतिहासिक मौके पर माओ त्‍से तुंग की तरह कपड़ा पहनकर पहुंचे शी जिनपिंग ने कहा कि अगर कोई विदेशी ताकत ऐसा करने का प्रयास करती है तो उसे चीन के 1.4अरब लोगों की फौलादी ताकत से निपटना होगा। लद्दाख में भारत की सरजमीं पर नजरें गड़ाए बैठे चीनी राष्‍ट्रपति ने दावा किया, 'हमने किसी को नहीं दबाया है, न ही आंख दिखाई है और न ही किसी अन्‍य देश के नागरिक को अपनी अधीन करने का प्रयास किया है और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे।'

शी जिनपिंग ने कहा कि चीन अपनी सेना का निर्माण अपनी संप्रभुता की रक्षा, सुरक्षा और विकास के लिए करेगा और इसे विश्‍वस्‍तरीय बनाएगा। उन्‍होंने कहा, 'हमें निश्चित रूप से अपने राष्‍ट्रीय सुरक्षा और सेना को आधुनिक बनाना होगा।' शी जिनपिंग सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के चेयरमैन हैं जो सेनाओं का नियंत्रण देखती है। यही नहीं जब से शी जिनपिंग राष्‍ट्रपति बने हैं, चीन कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या में जोरदार इजाफा हुआ है। अब सीपीसी के 9करोड़ से ज्‍यादा सदस्‍य हैं।

माओ के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरे राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन हमेशा से ही शांति, वैश्विक विकास और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यवस्‍था को सुरक्षित रखने के लिए काम किया है। उन्‍होंने कहा कि चीन ने एक समृद्ध समाज बनाने के शताब्‍दी के लक्ष्‍य को हासिल कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि चीन के लोग एक नई तरह की दुनिया को बना रहे हैं। शी जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हॉन्‍ग कॉन्‍ग, उइगर मुस्लिम, लद्दाख और ताइवान को लेकर चीन की नीतियों को पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है।