'West Bengal के हालात बेहद खराब हो रहे हैं। लोकल इंटेलिजेंस सोया हुआ है। मिलिटरी इंटेलिजेंस कोलकाता के एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी देता है कि बीजेपी दफ्तर या नेताओं पर हमला हो सकता है। उसके बावजूद एक-दो नहीं बल्कि 56 देसी बम बीजेपी दफ्तर के पास पहुंच गए। कोलकाता में कुछ भी हो सकता था।'
पश्चिम बंगाल में वही होने लगा जो पहले से सोचा जा रहा था। मसलन, बीजेपी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हमले होंगे, उन्हें वापस टीएमसी के लिए काम करने के लिए बाध्य करना होगा। बीजेपी के दफ्तरों को जलाने-बम से उड़ाने की घटनाएं होंगी और तीसरा यह कि सुवेंदु अधिकारी की राजनीति खत्म करने के लिए वो सब कुछ किया जा सकता है जिसकी किसी ने कल्पना भी न की हो। कोलकाता में बीजेपी के दफ्तर के सामने 56 देशी बम बरामद होने की घटना कोई सामान्य नहीं है।
पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेतृत्व को एक चेतावनी है, कि अगर बम वहां तक पहुंच सकते हैं तो ये बम फट भी सकते हैं? समझदारों के लिए इशारे काफी होते हैं। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि 56 देशी बम मिलने की घटना से पहले मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इनपुट दिया था कि कोलकाता में बीजेपी दफ्तर या बीजेपी नेताओं पर हमला हो सकता है। मिलिट्री इंटेलिजेंस का इनपुट मिलने का संकेत यह भी कि पश्चिम बंगाल में सीमा पार के ‘बिखण्डनकारी तत्व’सक्रिए हैं। इन ‘बिखण्डनकारी तत्वों’को किसकी शह मिली हुई है, यह भी किसी से छुपा नहीं है।
कोलकाता पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज में क्या मिलेगा यह भी पहले से मालूम है। बीजेपी दफ्तर के बाहर 56 बम मिलने की घटना के अलावा एक और घटना हुई है वो यह की सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। चोरी की यह एफआईआर सुवेंदु अधिकारी और उनके भाई के सौमेंदु के खिलाफ कांठी नगर पालिका के सदस्य रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर दर्ज की गई है। रत्नदीप मन्ना ने 2 जून को लिखित शिकायत दी थी।
दोनों घटनाओं में आपस में कोई संबंध हो या न लेकिन यह जरूर है कि बीजेपी को ऐसी घटनाओं के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना होगा। प. बंगाल में भले ही सब कुछ ठीक-ठाक दिखाई दे रहा है लेकिन ऐसा है नहीं। पश्चिम बंगाल में ऐसी विचारधारा को आगे बढ़ाया जा रहा है जो ‘दिल्ली’के खिलाफ है।जो लोग कहते हैं कि ये सब केवल बीजेपी और मोदी नेतृत्व के खिलाफ है तो वो लोग या तो नादान हैं या फिर उस साजिश का हिस्सा हैं जो प. बंगाल में ‘दिल्ली’ विरोधी एजेंडा चला रहे हैं।