Hindi News

indianarrative

Edwina की डायरी में नेहरू की Love Story नहीं, भारत के साथ अंग्रेजों का धोखा, नाजायज पाकिस्तान और जिन्ना के झूठ का पुलिंदा है?

Edwina-Nehru Love Story! Photo Courtesy: Google

'ब्रिटिश सरकार ने एक बार फिर एडविना और माउंट बेटेन की डायरियों और चिट्ठियों को सार्वजनिक करने से रोक दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इन चिट्ठियों और डायरी में भारत विभाजन के वो सच हैं जिनका जवाब देना ब्रिटिश सरकार को महंगा पड़ सकता है। बंटबारे के समय अंग्रेजों ने हिंदुओं के साथ धोखा किया था। सिंधी और पंजाबी (सिख) बहुल्य इलाके पाकिस्तान को दे दिए। एडविना की डायरी नाजायज पाकिस्तान और जिन्ना के झूठ का पुलिंदा है। जबकि मजबह के आधार पर हुए बंटबारे में ये हिस्से पाकिस्तान को कतई नहीं दिए जा सकते थे।'

भारत में अंग्रेजों के आखिरी प्रतिनिधि शासक माउंटबेटेन और उनकी पत्नी एडविना की डायरी में नेहरु-एडविना के कथित प्रेम प्रसंगों के बारे में तो दुनिया जानती है। इसलिए ब्रिटेन सरकार को इस लव स्टोरी के उजागर होने के डर से एडविना की डायरी को सार्वजनिक करने से नहीं डर रही, बल्कि इसके पीछे असली कारण भारत विभाजन के समय हिंदुओं के साथ धोखा है। इस धोखे की जानकारी नेहरू जी को थी? एडविना से ‘इश्क’के कारण नेहरू जी ने अंग्रेजों की चाल का विरोध नहीं किया?एडविना की डायरी सार्वजनिक हो गई तो अंग्रेजों की कलई खुल जाएगी। उनके पास सवालों के जवाब नहीं हैं।

ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश सरकार एडविना की डायरी ब्रिटिश रानी एलिजावेथ (तृतीय) के जीवन काल में सार्वजनिक नहीं करेगी। ध्यान रहे एलिजावेथ ने भारत प्रवास के दौरान जलियांवाल काण्ड पर अंग्रेज शासकों की ओर माफी मांगने  से इंकार कर दिया था। जलियांवाला काण्ड तो जगजाहिर है, एडविना की डायरी के राज तो पन्नों में बंद हैं। वो खुले तो रानी एलिजाबेथ और मौजूदा ब्रिटिश सरकार दोनों के लिए असमंजस की स्थिति हो सकती है। इसलिए लोग भूल जाएं कि एडविना की डायरी सार्वजनिक की जाएगी।

अंग्रेजों ने हिंदुस्तान के बंटबारे के समय धोखा किया था। एडविना के जरिए नेहरू जी को जानकारी थी कि हिंदु-सिख (पंजाब अधिकांश हिस्सा) और हिंदु-सिंधी (सिंध प्रांत) इलाके जिन्ना को दिए जा रहे हैं। धर्म-मजहब के नाम पर बांटे जा रहे भारत से हिंदु बहुल्य इलाकों को जिन्ना की झोली में नहीं डाला जा सकता था। कुछ सिख बुहल्य कुछ जिले तो बंटवारे का नक्शा तय होजाने के बाद पाकिस्तान में डाल दिए गए। यही कारण है कि सिख भारत में हैं सिखों आदि गुरु गुरुनानक साहब की जन्म स्थली पाकिस्तान के कब्जे में है। भारत को धोखा देकर सिंधियों और पंजाबियों (सिखों) के इलाके पाकिस्तान को दे दिए। कड़वी सच्चाई ये है कि इन इलाकों में रहने वाले अधिकांश को धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर कर दिया गया। अब नानक के हरकारे मस्जिदों में अजान लगा रहे हैं।

ब्रिटेन की सरकार ने माउंटबेटेन और उनकी पत्नी एडविना माउंटबेटेन की जिन डायरियों और खतों को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है उन्हें लेने के लिए ब्रिटिश लेखक एंड्र्यू लोवनी चार साल से इन्हें पाने की कोशिश कोशश कर रहे हैं और ढाई लाख पाउंड खर्च कर चुके हैं। लेकिन एक बार फिर उन्हें नाकामी हाथ लगी है। ब्रिटिश कैबिनेट और साउथ हैम्पटन यूनिवर्सिटी ने उनकी अपील खारिज कर दी है।

इन डायरी और खतों से भारत के विभाजन और एडविना के रिश्तों को लेकर कई तरह के राज खुल सकते हैं। माउंबेटन की डायरी और ए‍डविना के खतों को 2010तक के लिए  'देश के लिए सुरक्षित' कर दिया गया था। इसे साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी ने हासिल करके अपने अर्काइव में रखा है।

माउंटबेटेन पर किताब लिखने वाले लेखक लोवनी 2017 से इन डायरी और खतों को पाने के लिए कोशिश में जुटे हैं। फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन (FOI) के तहत अपील और सूचना आयुक्त कार्यालय की ओर से इन्हें सार्वजनिक किए जाने के आदेश के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि सरकार ने आदेश दिया है कि उसके आदेश के बिना इन पेपर्स को सार्वजनिक न किया जाए। उनका मनना है कि ये दस्तावेज शाही परिवार और भारत के विभाजन को लेकर कई राज खोल सकते हैं।