'इजराइल और हमास में युद्ध विराम समझौते की शर्तों पर सहमति बन चुकी थी, ऐन मौके पर तुर्की और पाकिस्तान ने टांग अड़ाई और लेबनान के विदेश मंत्री चर्बे बहेव को बलि का बकरा बना दिया। एक बार फिर जर्मनी-फ्रांस और अमेरिका ने युद्ध विराम के लिए दूत येरुशलम भेजे हैं।'
इजराइल और हमास के बीच युद्ध 10वें दिन में पहुंच गया है। इजराइल पर हमास की ओर से लगातार हमले हो रहे हैं और इजराइल उन हमलों के जवाब में हमले कर रहा है। नुकसान इजराइल का भी हो रहा है लेकिन ज्यादा नुकसान हमास या कहें तो फिलिस्तीनियों को हो रहा है। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ देशों के ‘हमास’में निहित स्वार्थों के चलते युद्ध विराम नहीं हो पा रहा है। बुधवार को लेबनान की ओर से भी चार रॉकेट इजराइल पर दागे गए। ताजा खबर यह है कि हमास ने बुधवार और गुरुवार की रात इजराइल कई रॉकेट दागे। इजराइल ने इन रॉकेट को हवा में नेस्तानाबूद करने के बाद हमास के ठिकानों पर बमबारी की है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइली डिफेंस फोर्सेस अपने देश को बचाने के लिए जवाबी हमले जारी रखेंगे।
In the last 24 hours, our aircraft struck Hamas aerial defense compounds & a large number of Hamas multi-barrel rocket launchers aimed at Israel.
We will continue to operate to ensure the safety of Israeli civilians. pic.twitter.com/c0ewqwFqOZ
— Israel Defense Forces (@IDF) May 20, 2021
ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार हमास के मसले पर मुस्लिम देशों के संगठन में कई दरारें पड़ चुकी हैं। एक बड़ा गुट सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ है तो तुर्की-पाकिस्तान और लेबनान अलग गुट में हैं। तुर्की और पाकिस्तान ने लेबनान को आगे कर सऊदी अरब और यूएई के खेमे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। तुर्की और पाकिस्तान मौके की नजाकत का फायदा उठाकर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को मुस्लिम विरोधी और ललची देश घोषित करना चाहते हैं। हमास-फिलिस्तीन बहाने मुस्लिम देशों के लीडर बनने का ख्वाब देखने वाले तुर्की और पाकिस्तान इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दा गरम रखना चाहते हैं। हालांकि इसका खामियाजा लेबनान को उठाना पड़ गया है। लेबनान के विदेश मंत्री चर्बेल बहवे को इस्तीफा देना पड़ा गया है। इन कठिन परिस्थितियों में चर्बेल बहवे का इस्तीफा युद्ध विराम की संभावनाओं को बड़ा झटका माना जा रहा है।
Not 1.
Not 2.
Not 3.4,000 rockets were fired from Gaza toward Israel in the last 10 days.
We will continue to defend Israel. pic.twitter.com/fnwgs6U1rt
— Israel Defense Forces (@IDF) May 19, 2021
इससे पहले 16मई को हमास-इसराइल को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भी कई देशों में यूएई-बहरीन और यहां तक कि आयोजक सऊदी अरब पर भी दबी जुबान में हमले किए गए।
The Iron Dome Aerial Defense System has one purpose—to intercept rockets mid-air before they can kill Israeli civilians.
We will not apologize for saving lives. pic.twitter.com/J0U8ct9bCt
— Israel Defense Forces (@IDF) May 18, 2021
तुर्की और फिलस्तीन ने यूएई और बहरीन को इजराइल से रिश्ते सामान्य करने के लिए आलोचना की थी। तुर्की और पाकिस्तान इजराइल को लेकर सबसे ज़्यादा आक्रामक हैं लेकिन सऊदी और यूएई के बहुत संतुलित बयान दे रहे थे। हद तो तब हो गई जब तुर्की और पाकिस्तान के उकसावे में आकरलेबनान के विदेश मंत्री चर्बेल वहबे ने एक टीवी इंटरव्यू में सऊदी अरब को ‘बद्दू’ कह कह अपमानित कर दिया। बद्दू अरब की एक खानाबदोश जनजाति का नाम है।
Israel fights to protect its civilians.
Hamas uses civilians to protect itself. pic.twitter.com/J6WVye1Lqy— Israel Defense Forces (@IDF) May 18, 2021
लेबनान के राष्ट्रपति माइकल इयोन और प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने चर्बेल बहबे के बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह लेबनान का इससे कोई लेना देना नहीं हैं। चर्बेल को अपने इस बयान के लिए इस्तीफा भी देना पड़ा है लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, लेबनान में हिजबुल्ला का दबदबा है। लेबनान को सुन्नी मुस्लिम देश पहले से ही मदद नहीं करते हैं। लेबनान को ईरान से मदद मिलती है। हिजबुल्ला भी पैसा हथियार और ट्रेनिंग ईरान देता है। आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए पाकिस्तान और ईरान की सरकारों में गुप्त समझौत है। ईरान आतंकियों को पैसा और हथियार देता और पाकिस्तान के 40 से ज्यादा स्थानों पर पाकिस्तानी फौज ट्रेनिंग देती है।
If you won't listen to us, listen to them: pic.twitter.com/6NkklMHWh8
— Israel Defense Forces (@IDF) May 17, 2021
कहने का मतलब यह है कि तुर्की और पाकिस्तान ने बड़े ही शातिराना ढंग से सऊदी अरब और यूएई के खिलाफ लेबनान का इस्तेमाल किया, लेकिन इसका नुकसान फिलिस्तीन को उठाना पड़ रहा है। मुस्लिम देशों में एक राय न होने के कारण इजराइल-हमास युद्ध विराम समझौता टल गया। मुस्लिम देशों में आपस में अविश्वास का यह आलम है कि जॉर्डन की ओर से भेजी गई राहत सामग्री के ट्रकों पर हमास ने हमला कर दिया। जॉर्डन की राहत सामग्री को गाजा में नहीं घुसने दिया। हमास के इस हमले में दो लोग मारे गए और 10 घायल हुए।
What you're seeing:
Yet another rocket launched by terrorists that misfired & fell back into Gaza tonight.Why it matters:
The people of Gaza are endangered every time it happens. pic.twitter.com/rOhSal7nZH— Israel Defense Forces (@IDF) May 20, 2021
खबरें यह भी हैं कि हमास और इजराइल में युद्ध विराम समझौते की शर्ते भी तय हो चुकी थीं, लेकिन लेबनान एक गलत कदम ने सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। एक बार फिर जर्मनी-फ्रांस और अमेरिका की ओर से दूत येरुशलम भेजे गए हैं। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया है कि युद्धविराम तभी संभव है जब हमास सरेंडर करने को तैयार हो। इसके विपरीत हमास ने बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि से लेकर सुबह तक इजराइल पर दर्जनों रॉकेट हमले किए हैं और इजराइल ने हर हमले का माकूल जवाब दिया है।