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Israel और Hamas युद्ध विराम में तुर्की-पाकिस्तान ने डाला अड़ंगा, Lebanon को बना दिया बलि का बकरा

Israel और Hamas युद्ध विराम कब!

'इजराइल और हमास में युद्ध विराम समझौते की शर्तों पर सहमति बन चुकी थी, ऐन मौके पर तुर्की और पाकिस्तान ने टांग अड़ाई और लेबनान के विदेश मंत्री चर्बे बहेव को बलि का बकरा बना दिया। एक बार फिर जर्मनी-फ्रांस और अमेरिका ने युद्ध विराम के लिए दूत येरुशलम भेजे हैं।'

इजराइल और हमास के बीच युद्ध 10वें दिन में पहुंच गया है। इजराइल पर हमास की ओर से लगातार हमले हो रहे हैं और इजराइल उन हमलों के जवाब में हमले कर रहा है। नुकसान इजराइल का भी हो रहा है लेकिन ज्यादा नुकसान हमास या कहें तो फिलिस्तीनियों को हो रहा है। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ देशों के ‘हमास’में निहित स्वार्थों के चलते युद्ध विराम नहीं हो पा रहा है। बुधवार को लेबनान की ओर से भी चार रॉकेट इजराइल पर दागे गए। ताजा खबर यह है कि हमास ने बुधवार और गुरुवार की रात इजराइल कई रॉकेट दागे। इजराइल ने इन रॉकेट को हवा में नेस्तानाबूद करने के बाद हमास के ठिकानों पर बमबारी की है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइली डिफेंस फोर्सेस अपने देश को बचाने के लिए जवाबी हमले जारी रखेंगे।

ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार हमास के मसले पर मुस्लिम देशों के संगठन में कई दरारें पड़ चुकी हैं। एक बड़ा गुट सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ है तो तुर्की-पाकिस्तान और लेबनान अलग गुट में हैं। तुर्की और पाकिस्तान ने लेबनान को आगे कर सऊदी अरब और यूएई के खेमे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। तुर्की और पाकिस्तान मौके की नजाकत का फायदा उठाकर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को मुस्लिम विरोधी और ललची देश घोषित करना चाहते हैं। हमास-फिलिस्तीन बहाने मुस्लिम देशों के लीडर बनने का ख्वाब देखने वाले तुर्की और पाकिस्तान इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दा गरम रखना चाहते हैं। हालांकि इसका खामियाजा लेबनान को उठाना पड़ गया है। लेबनान के विदेश मंत्री चर्बेल बहवे को इस्तीफा देना पड़ा गया है। इन कठिन परिस्थितियों में चर्बेल बहवे का इस्तीफा युद्ध विराम की संभावनाओं को बड़ा झटका माना जा रहा है।

इससे पहले 16मई को हमास-इसराइल को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भी कई देशों में यूएई-बहरीन और यहां तक कि आयोजक सऊदी अरब पर भी दबी जुबान में हमले किए गए।

तुर्की और फिलस्तीन ने यूएई और बहरीन को इजराइल से रिश्ते सामान्य करने के लिए आलोचना की थी। तुर्की और पाकिस्तान इजराइल को लेकर सबसे ज़्यादा आक्रामक हैं लेकिन सऊदी और यूएई के बहुत संतुलित बयान दे रहे थे। हद तो तब हो गई जब तुर्की और पाकिस्तान के उकसावे में आकरलेबनान के विदेश मंत्री चर्बेल वहबे ने एक टीवी इंटरव्यू में सऊदी अरब को ‘बद्दू’ कह कह अपमानित कर दिया। बद्दू अरब की एक खानाबदोश जनजाति का नाम है।

लेबनान के राष्ट्रपति माइकल इयोन और प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी ने चर्बेल बहबे के बयान से किनारा करते हुए कहा कि यह लेबनान का इससे कोई लेना देना नहीं हैं। चर्बेल को अपने इस बयान के लिए इस्तीफा भी देना पड़ा है लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, लेबनान में हिजबुल्ला का दबदबा है। लेबनान को सुन्नी मुस्लिम देश पहले से ही मदद नहीं करते हैं। लेबनान को ईरान से मदद मिलती है। हिजबुल्ला भी पैसा हथियार और ट्रेनिंग ईरान देता है। आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए पाकिस्तान और ईरान की सरकारों में गुप्त समझौत है। ईरान आतंकियों को पैसा और हथियार देता और पाकिस्तान के 40 से ज्यादा स्थानों पर पाकिस्तानी फौज ट्रेनिंग देती है।

कहने का मतलब यह है कि तुर्की और पाकिस्तान ने बड़े ही शातिराना ढंग से सऊदी अरब और यूएई के खिलाफ लेबनान का इस्तेमाल किया, लेकिन इसका नुकसान फिलिस्तीन को उठाना पड़ रहा है। मुस्लिम देशों में एक राय न होने के कारण इजराइल-हमास युद्ध विराम समझौता टल गया। मुस्लिम देशों में आपस में अविश्वास का यह आलम है कि जॉर्डन की ओर से भेजी गई राहत सामग्री के ट्रकों पर हमास ने हमला कर दिया। जॉर्डन की राहत सामग्री को गाजा में नहीं घुसने दिया। हमास के इस हमले में दो लोग मारे गए और 10 घायल हुए।

खबरें यह भी हैं कि हमास और इजराइल में युद्ध विराम समझौते की शर्ते भी तय हो चुकी थीं, लेकिन लेबनान एक गलत कदम ने सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया। एक बार फिर जर्मनी-फ्रांस और अमेरिका की ओर से दूत येरुशलम भेजे गए हैं। इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया है कि युद्धविराम तभी संभव है जब हमास सरेंडर करने को तैयार हो। इसके विपरीत हमास ने बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि से लेकर सुबह तक इजराइल पर दर्जनों रॉकेट हमले किए हैं और इजराइल ने हर हमले का माकूल जवाब दिया है।