पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो अब इंडियन आर्मी और एयरफोर्सपर ड्रोन हमले करने लगे हैं। जम्मू के बाद कालूचक और रतनूचक मिलिटरी स्टेशन पर भी हमले की कोशिश की गई।
सवाल यह उठता है कि ड्रोन उड़कर इतनी अंदर तक आ जाते हैं और हमारे सर्विलांस सिस्टम उन्हें देख नहीं पाते। देख लिए जाएं तो मार गिराए नहीं जाते। खबर आती हैं कि पाकिस्तानी ड्रोन दिखाई दिए। ड्रोन पर फायरिंग कर उसे खदेड़ दिया गया। ऐसा जान पड़ता है कि ड्रोन सर्विलांस और ड्रोंस को मार गिराने वाले 14वी सदी की जंग लड़ रहे हैं। जो घुसपैठिए को देखकर खदेड़ देते हैं बस मारते नहीं। क्या सुरक्षाबलों के हथियारों को जंग लग गई है। या ड्रोंस को मार गिराने की तकनीकि नहीं है। दावे तो बहुत बढ़-चढ़ कर किए जाते हैं।
सवाल उठता है कि जब इन पाकिस्तानी ड्रोंस को मार गिराने की क्षमता नहीं है तो फिर चीन ने तो पूरी ड्रोन आर्मी बना रखी है। चीन से कैसे निपटेंगे। सीरिया, ईराक, ईरान, हूती और फिलिस्तीन में दुश्मनों पर हमले के लिए ड्रोन का खूब इस्तेमाल होता है। अजरबेजान और अरमेनिया की लड़ाई में तो ड्रोन ने लड़ाई का रुख ही पलट कर रख दिया।
भारत के मिलिटरी ऑर्गेनाइजेशंस को दुनिया भर में हो रहे इन डेवलपमेंट्स की जानकारी रहती ही है। सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षाबलों को ड्रोन हमलों से निपटने और ड्रोन को मार गिराने की प्रशिक्षण भी दिया जाता है। फिर ऐसा क्या है कि पाकिस्तानी फौज या पाकिस्तानी फौज की सरपरस्ती में आतंकी ड्रोन हमलों को अंजाम देते फिर रहे हैं। भारतीय फौज का सम्मान हर हिंदुस्तानी के दिल-दीमाग दोनो में है लेकिन जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले को कमतर दिखाने की कोशिश क्यों की जा रही है? कहा जा रहा है कि एयरफोर्स स्टेशन पर खड़े एटीआर और हेलिकॉप्टर निशाने पर थे लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। अरे वो घर में घुसकर, एयरपोर्ट के टेक्नीकल एरिया तक पहुंच रहे हैं, बम गिरा रहे हैं, इससे बड़ी शर्मऔर चिंता की बात क्या हो सकती है?
दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना के गढ़ में घुस कर पिद्दी न पिद्दी के शोरवा पाकिस्तान से उड़कर ड्रोन जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्नीकल एरिया के ऊपर मण्डराते रहते हैं और मौका पाकर बम गिरा देतें हैं। हम अभी तक अंदाजा ही लगा रहे हैं कि ड्रोन कहां से घुस आए। एक आदमी है अमजद अय्यूब मिर्जा। वो हमले की खबर फैलने के कुछ घण्टे बाद ही जम्म एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन हमले की पूरी जन्मकुण्डली खोल देता है। वो पाक आर्मी के उन सभी आर्मी अफसरों के नाम रैंक और तैनाती खोल कर रख देता जो इस हमले के पीछे थे। वो यह भी बताता है कि कौन से एयर बेस से इन ड्रोन्स को एलओसी तक पहुंचाया गया। और फिर कैसे एलओसी से जम्मू एयरफोर्स स्टेशन तक पहुंचाया गया। इन ड्रोन्स को कहां से कंट्रोल किया जा रहा था और कुल कितने ड्रोन इस हमले में शामिल थे। यह सब कुछ अमजद अय्यूब मिर्जा ने बताया है।
ये सारी बातें इंडियन टेलीवीजन मीडिया और सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इसके बावजूद भारत सरकार रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता ऐसे शांत बैठे हैं, जैसे कि कुछ हुआ ही नह हो। अगर अमजद अय्यूब मिर्जा गलत है तो रक्षामंत्रालय को उस पर रोक लगानी चाहिए। उसका खण्डन करना चाहिए। अगर सही है तो स्वीकार करना चाहिए। जांच टीम बनेगी, वो जांच करेगी। फिर नतीजे आएंगे, फिर विश्लेषण होगा, रणनीति बनेगी और फिर तब जाकर कहीं पाकिस्तनी ड्रोन पर हमले की योजना बनेगी। कितने दिन निकल जाएंगे। तब तक किस और जगह हमला हो जाएगा। फिर निंदा होगी, फिर एक और जांच कमेटी बन जाएगी। या जांच एनआईए को सौंप दी जाएगी।