कोरोना महामारी का सबसे बुरा प्रभाव शहरों में रहने वाली गरीब जनता पर पड़ा है। पिछले सात महीनों से मजदूरों के लिए काम न के बराबर उपलब्ध है, ऐसे में घर चलाने के संघर्ष से उन्हें सुबह शाम दो-चार होना पड़ रहा है।
मजदूरों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कोरोना संकट के समय बेरोजगार हुए मजदूरों को लेकर चिंता जाहिर की है। कहा कि स्वयंसेवक आगे आएं और प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराएं।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए कार्य करना है। आत्मनिर्भरता का भाव समाज में उत्पन्न करना है। संघ प्रमुख ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का कानपुर प्रांत में अच्छा काम हुआ है, इसको और बढ़ाने की आवश्यकता है।
<strong>सर संघ चालक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान संघ के अतिरिक्त मठ, मंदिर, गुरुद्वारों, सामाजिक संगठनों ने भी सेवा कार्य किए हैं। इससे समाज में एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति उभर कर सामने आई है। संघ के स्वयंसेवकों को ऐसी सज्जन शक्ति से संपर्क करना चाहिए।</strong>
उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कानपुर प्रांत में किए गए सेवा कार्यो की भी जानकारी ली। पदाधिकारियों ने प्रांत के सेवा कार्यो को आंकड़ों के साथ रखा। साथ ही स्वयंसेवकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रेरणादायी कार्यो को भी उनके सामने रखा।
<strong>सेवा कार्यो की सराहना करते हुए सर संघ चालक ने कहा कि स्वयंसेवकों को याद रखना चाहिए कि हमने यह कार्य प्रचार के लिए नहीं किया है। यह हमारा समाज के प्रति दायित्व था।</strong>
उन्होंने कानपुर प्रांत में संस्कार उत्पन्न करने के लिए बुद्घ पूर्णिमा पर उपवास, कुटुंब प्रबोधन की दृष्टि से परिवारजन का एक साथ भोजन कार्यक्रम और प्रत्येक प्रति प्रेमी परिवार की ओर से पर्यावरण की दृष्टि से हवन कार्यक्रम की भी सराहना की।
<em>(एजेंसी इनपुट के साथ)</em>
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