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चीन के जासूस हमदर्द बन कर चुरा लेते दिल में छुपे सारे राज! और क्या करते हैं, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

चीन के जासूस हमदर्द बन कर चुरा लेते दिल में छुपे सारे राज! और क्या करते हैं, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

माओ अपने बीच की कमियों-खामियों को दूर कर चीन को ऊपर उठाने की बात करते थे। शी जिनपिंग दूसरों की कमियों-खामियों का फायदा उठाकर चीन को चांद पर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश में चीनी जासूसी (Sino Espionage ) भाण्डा फूट गया है। शी जिनपिंग ने पूरी पार्टी को <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/yang-hengjun-chinese-writer-accused-of-espionage-by-australian-author-imprisoned-for-2-years-14397.html"><strong><span style="color: #000080;">जासूस</span></strong></a> बना दिया और इन जासूसों को विदेशों में ही नहीं, चीन आने वाले विदेशियों के पीछे लगा दिया है। शी जिनपिंग के जासूसों की निगाह बीजिंग-शंघाई और ऐसे ही शहरों में आने वाले भारतीयों पर ज्यादा रहती है। चीन के ये जासूस किस तरह से किसी विदेशी को अपने फंदे में फंसाते हैं, इसी पर डालते हैं एक नजरः
<h4>सोवियत संघ के नक्शे कदम पर चीन</h4>
पड़ोसी देश चीन में जासूसों  (Sino Espionage ) का एक ऐसा नेटवर्क है जो हमें स्टेलिन युग के रूस की याद दिलाता है जहां पर बेटा पिता की जासूसी करता है, पति पत्नी की जासूसी करता है, माँ अपनी बेटी की जासूसी करती है और सारी जानकारियां केजीबी के ज़रिए सोवियत सोशलिस्ट पार्टी या बोल्शेविक पार्टी तक जाती थी और फिर वहां से <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Soviet_Union"><strong><span style="color: #000080;">सोवियत संघ</span></strong></a> को चलाने की रणनीतियां तय होती थीं।
<h4>हमदर्द बनकर घुसते हैं दिल में</h4>
चीन भी कुछ-कुछ वैसा ही विदेशी नागरिकों के साथ कर रहा है। चीन में जब कोई नया व्यक्ति व्यापार, नौकरी या पढ़ाई करने जाता है तो उसके साथ कुछ अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं। आप बाज़ार में कुछ सामान खरीदने पहुंचते हैं, अचानक कोई चीनी पुरुष या आकर्षक महिला आपके पास आते हैं और आपसे औपचारिकता के साथ बातें करने लगते हैं, वो आपका नाम पूछते हैं, इसके बाद आपके देश के बारे में कुछ बातें करते हैं जिसमें समय समय पर आपके देश के लोगों, त्योहार, खान-पान या कुछ और बातों की तारीफ़ करते हैं, उनका उद्देश्य आपको सहज बनाना होता है फिर वो आपसे दोस्ती गांठते हैं।

<strong>हर मुलाकात की बनाते हैं रिपोर्ट</strong>

हालांकि आपको ये लग सकता है कि वो यूं ही आपसे बातें कर रहे हैं लेकिन वो आपके बारे में पूरी पड़ताल कर के आते हैं, आपके बारे में जितनी जानकारी हो सकती है वो आपके चीन में कार्यालय, विद्यालय और संस्थानों से निकाल कर उसपर अपने विभाग में चर्चा करने के बाद आते हैं। कोई भी सामान्य सा दिखने वाले चीनी आपसे जो भी बातें करते हैं उन बातों की वो एक लिखित रिपोर्ट बनाते हैं।
<h4> <strong>फोटो नहीं खिंचवाएगा चीनी जासूस</strong></h4>
अगली बार आपसे बात करने से पहले वो आपकी फ़ाइल को पढ़कर आते हैं जिससे उन्हें आपसे बात करने में आसानी रहे। हां एक बहुत महत्वपूर्ण बात, वो कभी भी आपके साथ फोटो नहीं खिंचवाएंगे। वो कोई भी बहाना बनाकर आपके इस आग्रह को टालेंगे। इसके पीछे उनकी एक ही मंशा होती है कि आपके पास उनकी कोई जानकारी न रहे। और जब आपका कोई चीनी मित्र अपनी फोटो आपके साथ शेयर करने से इंकार करे तो तयशुदा चीनी जासूस है और आपकी गतिविधियों पर लगातार निगाह रख रहा है।
<h4>लंच-डिनर पर बुलाएगा और गिफ्ट भी देगा</h4>
आपके चीनी मित्र आपकी सुविधा अनुसार कोई एक दिन तय करते हैं जब वो आपको किसी रेस्तरां में दोपहर या रात के खाने पर बुलाते हैं। पहली पाँच-छह मुलाकातें लगभग एक एक घंटे की होती हैं और इसमें कई विषयों पर बात होती है और इन बातों के दौरान आपकी कमज़ोरी भांप ली जाती है। इसके बाद वो आपकी कमज़ोरी को पकड़कर अपने साथ मिलाने की कोशिश करते हैं। इसी बीच में आपको छोटे मोटे उपहार भी दिये जाएंगे जैसे पेन ड्राइव, महंगे पेन, कॉफी मग, कोई एंटीक वस्तु, किसी दूसरे शहर में होटल का मुफ्त कूपन या वीपीएन (जिन देशों में इंटरनेट पर प्रतिबंध होता है वहां पर लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर अपनी मनपसंद वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं) जैसा सॉफ्टवेयर बगैरा।  जिसमें बग होगा, ये बग यानी वायरस आपके कम्पूयटर और मोबाइल फोन की सारी जानकारी कम्युनिस्ट पार्टी के ख़ुफ़िया विभाग को भेज रहा होगा जिससे वो आपकी हर गतिविधि पर पैनी नज़र बनाए रखेंगे वहीं आप इससे अंजान होंगे।
<h4>एक बार लालच में घिरे तो फंसे</h4>
इसके बाद वो फिजकल कम और वर्चुअल संपर्क ज्यादा करेंगे। फोन पर वी-चैट से लगातार बातचीत में रहेंगे। वीक एंड या किसी और त्योहारी छुट्टी पर खाली होंगे तो आपको किसी दूसरे शहर घूमने जाने का आग्रह करेंगे जो एक खूबसूरत पर्यटन स्थल होगा। वहां पर वो आपके मुफ्त में रहने और खाने की व्यवस्था भी कर देंगे। मसलन, वो आपसे कहेंगे कि आप गर्मियों में बेदाखा समुद्र तट पर घूमने जा सकते हैं। मेरा वहां पर समुद्र तट के पास ही बड़ा मकान है उसमें आप हफ़्ते-दस दिनों तक रह सकते हैं… मेरा रसोईया आपको बढ़िया खाना बनाकर खिलाएगा, जब आपके रहने खाने की समस्या हल हो गई तो आप भी अच्छे से घूम सकेंगे। वो आपसे बातों बातों ये भी जान लेंगे कि आप छुट्टियां मनाने कब अपने देश लौट रहे हैं। फिर वो आपको अपने देश से राजनीतिक गलियारों, सेना, रेलवे, बाँध, बिजली के पावर हाऊस से जुड़ी और दूसरी महत्वपूर्ण सूचना लाने को कहेंगे, बदले में आपको पैसों का लालच भी देंगे।

आपसे आपके अपने देश में जासूसी करने के लिये उसकाने से पीछे उनका एक ही उद्देश्य होता है वो है चीनियों के अलग नैन-नक्श जिससे वो दक्षिण-पूर्व एशिया के बाद कहीं भी आसानी से पहचान लिये जाएंगे। खुद के पकड़े जाने के भय से बचने और अपना काम आसान बनाने के लिये वो अक्सर विदेशियों को ऐसे प्रलोभन देते हैं।
<h4><strong>कई हिंदुस्तानी फंस चुके चीनियों के जाल में</strong></h4>
ऐसी घटना सिर्फ़ एक दो नहीं बल्कि अधिकतर विदेशियों के साथ होती हैं। लेकिन अधिकतर विदेशी जिनसे मेरी इस बारे में बातें हुई हैं उन्होंने यही बताया कि वो ये आग्रह विनम्रता से ठुकरा चुके होते हैं। बहुत कम लोग ही इन चीनी जासूसों  (Sino Espionage) के चंगुल में फंसते हैं। लेकिन जो फंसते हैं वो फिर इससे बाहर निकल नहीं पाते। कई हिंदुस्तानी चीन के जासूसी नेटवर्क ( Sino Espionage) में फंस चुके हैं।.