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विजया एकादशी 2021ः चाहिए कर्ज और दुश्मनों से मुक्ति तो आज रखें व्रत और करें भगवान विष्णु की पूजा

Vijaya Ekadashi 202, विजया एकादशी

सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। इस साल आज 9मार्च को विजया एकादशी है।विजया एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। एकादशी व्रत करने से पूजा का फल तीन गुना मिलता है। हमारे धार्मिक ग्रन्थों में ऐसा विवरण मिलता है कि  लंका विजय के लिए भगवान श्रीराम ने भी विजया एकादशी के दिन समुद्र किनारे पूजा-अर्चना की थी।दुश्मनों पर विजय हासिल करने के लिए और कर्ज से मुक्ति के लिए विजया एकादशी का व्रत बहुत सटीक माना जाता है। आज 9 मार्च को मंगलवार को विजया एकदशी व्रत का महत्व और बढ़ गया है। आज भगवान विष्णु के साथ बजरंगवली की पूजा करने वालों के कष्ट और भी जल्दी खत्म हो सकते हैं। 

विजया एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त-एकादशी आज दोपहर 03बजकर 02मिनट तक रहेगी। लेकिन विजया एकादशी का पारण मुहूर्त- 10मार्च बुधवार को सुबह 6 बज कर 37 मिनट से सुबह 8 बजकर 59 मिनट तक ही रहेगा एकादशी का व्रत करने वाले साधकों को निम्न नियमों का पालन करना चाहिए।

 

1. एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए। एकादशी के दिन के जुआ खेलने वालों की संतान को मृत्यु तुल्य कष्ट होता है। ऐसे कहते हैं कि उसके वंश में कोई दीपक जलाने वाला शेष नहीं रहता।

2. एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए। व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु के मंत्रों  का जप और जागरण करना चाहिए।

3. एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों तक नरक में रहना पड़ता है।

4. विजया एकादशी का व्रत करने वाले को गुस्सा नहीं करना चाहिए। किसी को अपशब्द या गाली नहीं देनी चाहिए।

5. निराकरण शास्त्र के मुताबिक बीमार, बृद्ध और बालकों के मामले में ये नियम शिथिल रहते हैं।