बांग्लादेश में यूं तो मौजूदा सरकार हिंदुओं को समान अधिकार और स्वतंत्रता देरही है लेकिन कुछ भाड़े के टट्टू कट्टरपंथी मौलाना मुसलमानों को बांग्लादेशी मुसलमानों को भड़काने और हिंदुओं को परेशान करने में लगे रहते हैं। ये भाड़े के टट्टू अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पहले तो इन्हीं भाड़े के टट्टू कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश में अपने देश के जनक बंग बंधु का स्मारक बनाए जाने का विरोध किया।
बांग्लादेश जब आजादी की 50वीं साल गिरह मनाई जा रही है तो ये भाड़े के टट्टू आईएसआई के इशारे पर देश में हिंसा और नफरत की खोली खेल रहे हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की चांदी जूते खाकर अपने देश को गर्त मे ले जाने वाले इन कट्टरपंथियों को इस समय सबसे बुरा यह लग रहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ढाका क्यों बुलाया गया। ऐसा नहीं कि मोदी पहली बार ढाका गए हों, मोदी पहले भी बांग्लादेश गए हैं, लेकिन इस बार विरोध का कारण यह है कि आईएसआई किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानियों को मोदी सरकार के खिलाफ लांच नहीं कर पाई। कनाडा और ब्रिटेन के भरोसे बैठी आईएसआई की कोशिशों को कनाडा और ब्रिटेन से ही सबसे बड़ी चोट मिली।
चूंकि बांग्लादेश के उदय में भारत का बड़ा योगदान है और मोदी पहले बांग्लादेश के दौरान कह चुके हैं कि उन्हें गर्व है कि बांग्लादेश की आजादी मे भारत सहयोगी रहा है। पाकिस्तान और आईएसआई को यही बात नहीं पच रही की जिस नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ने के लिए किसान आंदोलन में आईएसआई ने अरबों रुपया खर्च कर दिया वही नरेंद्र मोदी अब बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती का मुख्य अतिथि बन कर उनका मुंह चिढ़ा रहा था।
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के दो दिन बांग्लादेश प्रवास के दौरान आईएसआई के ये भाड़े के टट्टू कट्टरपंथी कड़े सुरक्षा इंतजामों के चलते कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली रवाना हुए बांग्लादेश में सुरक्षा इंतजामों में ढील दी गई वैसे ही ये कट्टरपंथी सड़कों पर निकल आए और हिंदुओं के मंदिरों को निशाना बनाने लगे। सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिए ट्रेनों पर हमला करने लगे और सरकारी इमारतों में आग लगाने लगे।
हालांकि, कानून व्यवस्था बांग्लादेश की अपनी समस्या है लेकिन भारत सरकार ने बांग्लादेश को हर स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। भारत ने बांग्लादेश के ढांचागत परियोजनाओँ में निवेश का भरोसा दिया है तो रक्षा-सुरक्षा विषयों पर भी बांग्लादेश को मदद का हाथ बढ़ाया है।