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Waseem Rizvi Quran Terrorism: दुनिया भर के मुल्ला-मौलवियों पर भारी वसीम रिजवी? जाने क्यों

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कुरान से जिहाद और आंतक को बढ़ावा देने वाली आयतों को हटाने के लिए डाली गई याचिका से वसीम रिजवी का कद कई जाने-माने मुल्ला मौलवियों से कहीं ज्यादा ऊंचा हो गया है। इस्लाम में सुधार के पक्षधर तमाम मुसलमान वसीम रिजवी के पीछे खड़े हो गए हैं। यह बात अलग है कि वो अभी खुलकर सामने नहीं आए हैं। कनाडा के नागरिक और जाने-माने इस्लामिस्ट स्कॉलर तारिक फतेह भी दीन और इस्लाम की किताबों में संशोधन के पक्षधर रहे हैं।

ऐसे ही तमाम लोग अब वसीम रिजवी के पक्ष में अभियान छेड़ने जा रहे हैं। हालांकि, केंद्र या राज्य सरकारों ने रिजवी की मुहिम पर चुप्पी साध रखी है। मुस्लिमों के वोट छिटक जाने के डर से बीजेपी के अल्प संख्यक मिनिस्टर्स भी चुप हैं या वसीम रिजवी की राय से नाइत्तेफाकी जाहिर कर रहे हैं लेकिन अंदरखाने की बात तो यह है कि 'शांति के मजहब'में हिंसा और आतंक को बढ़ावा देने वाली बातों को संशोधित करना हर कोई चाहता है।

वसीम रिजवी ने कुरान की 26 ऐसी आयतों पर सवाल खड़े किए हैं जिनमें जिहाद, कुफ्र और कत्ल का जिक्र है। वसीम रिजवी का कहना है कि ये आयतें कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ साधने के लिए कुरान में शामिल कर दीं। मुहम्मद साहब की कुरान में इन आयतों का स्थान ही नहीं हो सकता।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि वसीम रिजवी की खिलाफत तो खुद को दीन-इस्लाम का आलिम-फाजिल होने का दावा करने वाले तमाम मुल्ला-मौलवी कर रहे हैं, लेकिन किसी ने भी यह वसीम रिजवी के इस तर्क पर प्रतिक्रिया नहीं दी है कि ये 26 आयतों में जिहाद, कुफ्र और कत्ल का जिक्र क्यों है। अमन-चैन का पैगाम देने वाले इस्लाम की पवित्र किताब कुरान में ये 26 आयतें क्यों लिखी गई।

 

 

क्यों हटाई जाएं कुरान की 26 आयतें

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रिजवी (Waseem Rizvi)ने कहा है कि कुरान की 26 आयतें आतंक को बढ़ावा देने वाली हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए ताकि आंतकी गतिविधियों से मुस्लिम समुदाय का नाम ना जुड़ सकें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ये आयतें मूल कुरान का हिस्सा नहीं थी, बल्कि उन्हें बाद में जोड़ गया है। रिजवी के इस बायान के बाद जमकर हो-हल्ला हो रहा है, जबकि बाकी के मौलानाओं को आगे आकर यह स्पष्ट करना चाहिए की जिन कुरान की 26 आयतों के बारे में जिक्र किया गया है वह दरअसल में समाज के लिए क्या आईना दिखाता है।

 

बाबरी ढांचा को रिजवी बता चुके हैं कलंक

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद वसीम रिजवी ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि, देश की नौ विवादित मस्जिदों को हिंदुओं को सौंप दें मुसलमान, हिंदुस्तान की धरती पर कलंक की तरह है बाबरी ढांचा। यहां तक की रिजवी ने कहा था कि, चांद तारे वाला हरा झंडा इस्लाम का धार्मिक झंडा नहीं है। ये पाकिस्तान की राजनैतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से मिलता जुलता है। इस झंडे को फहराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। रिजवी ने यहां तक कह दिया कि पैगम्बर मोहम्मद साहब अपने कारवां में सफेद या काले रंग का झंडा प्रयोग करते थे।