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'युवाओं में 'संघ' के प्रति बढ़ रहा है रुझान' : भागवत

'युवाओं में 'संघ' के प्रति बढ़ रहा है रुझान' : भागवत

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बड़ी संख्या में लोग जुड़ना चाहते है उनमें युवाओं की संख्या भी अधिक है।" यह बात संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से संवाद के दौरान मध्य भारत एवं मालवा के प्रमुख स्वयंसेवकों ने साझा की। वहीं संघ प्रमुख ने स्वयं सेवकों से मोहल्ला और ग्रामीण शिाक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है।

संघ प्रमुख इन दिनों भोपाल के प्रवास पर है और यहां के ठेंगड़ी भवन में मध्य भारत व मालवा प्रांत के प्रमुख स्वयंसेवकों से संवाद कर रहे थे। मध्य भारत प्रांत के संघचालक सतीश पिंपलीकर ने बैठक का ब्यौरा देते हुए बताया कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने मध्य भारत एवं मालवा के प्रमुख स्वयंसेवकों से सेवाकार्यो के अनुभव सुने, जिसमें यह बात सामने आई कि स्वंयसेवकों द्वारा चलाए गए सेवा कार्यो से समाज के बड़े वर्ग को सहायता मिली। यह बात भी सामने आई है कि बड़ी संख्या में लोग संघ के साथ जुड़ना चाहते हैं, जिनमें युवाओं की संख्या भी अधिक है।

संघ प्रमुख ने कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा समाज एवं अन्य संस्थाओं को साथ लेकर चलाए गए सेवाकार्यो और संघ की अन्य गतिविधियों की जानकारी ली। कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला एवं ग्राम शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है, इस कार्य में समूचे समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।

पिंपलीकर ने बताया कि सरसंघचालक ने मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान स्वयंसेवकों से किया है, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है, उस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए, इसलिए नगरों में मोहल्ला स्तर एवं प्रत्येक गांव में शिक्षा केंद्र संचालित किए जाने चाहिए।

संघ प्रमुख ने पर्यावरण और कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर भी कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया। सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को बताया कि समरसता को लेकर समाज में अनुकूलता बनी है। यह समाज का स्थायी भाव बने, इसके लिए स्वयंसेवकों को प्रयास करना चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान घुमंतू जाति के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक रोजगार एवं अन्य कारणों से यात्रा करते रहते हैं। बैठक में यह भी अनुभव साझा किया गया कि जब लॉकडाउन लगा तो कई परिवार मध्यप्रदेश के अनेक क्षेत्रों में भी फंस गए थे। स्वयंसेवकों ने इन परिवारों की चिंता की और उन तक सहायता पहुंचाई।

बैठक में बताया गया कि स्वयंसेवकों द्वारा 2628 परिवारों तक भोजन, मेडिकल समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई गईं। इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों एवं युवाओं के लिए संघ ने विभिन्न स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाए हैं, जिनके माध्यम से स्वरोजगार एवं स्वावलंबन के लिए उन्हें आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।.