पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बैंकिंग संकट गहराने के साथ आईटी कंपनियों के भी इसका इस्तेमाल बढ़ाने की आशंका जताई जा रही है। इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की एक रिपोर्ट के मुताबिक एआई से दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। यह अमेरिका और यूरोप में एक चौथाई तरह के काम कर सकता है। लेकिन साथ ही इससे नई तरह की नौकरियां मिल सकती हैं और प्रॉडक्टिविटी में उछाल आ सकती है।
इससे दुनियाभर में गुड्स एंड सर्विसेज (goods and services) की टोटल एन्युअल वैल्यू सात फीसदी तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खासकर जेनरेटिव एआई बहुत क्रांतिकारी है। यह इंसान की तरह कंटेंट क्रिएट कर सकता है। दुनियाभर की सरकारें एआई (Artificial Intelligence) के फील्ड में निवेश को प्रमोट करना चाहती हैं। खासकर विकसित देश इसमें काफी रुचि दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे प्रॉडक्टिविटी बढ़ेगी और इकॉनमी में बढ़ोतरी होगी।
Goldman Sachs economists report that as many as 300 million full-time jobs worldwide could be automated by artificial intelligence platforms such as ChatGPT.
— The Spectator Index (@spectatorindex) June 17, 2023
गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक पूर्णकालिक नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) प्लेटफॉर्म जैसे चैटजीपीटी (ChatGPT) द्वारा स्वचालित की जा सकती हैं। 2023 तक दुनिया भर में 30 करोड़ नौकरियां वैश्विक कार्यबल के 18 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।
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