हेलमेट (Smart Helmet) का अभी तक केवल एक फायदा था सड़क दुर्घटना (Road Accident) से बचाना। लेकिन इस नए तरह के हेलमेट से कई काम हो सकेंगे। एक तो दुर्घटना से सुरक्षा करेगा ही साथ ही पेट्रोल (Helmet save Petrol) बचाएगा और अनहोनी होने पर एम्बुलेंस व पुलिस (Helmet inform police in emergancy) को सूचित भी करेगा। निजी कॉलेज के बीटेक के छात्रों के बनाये इस हेलमेट से ट्रैफिक कन्ट्रोल (Helmet control traffic) भी होगा।
अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट वाराणसी (Ashoka Institute of Technology and Management) के छात्र आशीष त्रिपाठी, विपिन और सुलेख ने मिलकर स्मार्ट ट्रैफिक हेलमेट (Smart Traffic Helmet) इजाद किया है। जो ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) की बत्ती लाल होने पर गाड़ी को बंद कर देगा। हरी होने पर अपने आप गाड़ी स्टार्ट कर देगा। यह ट्रैफिक सिग्नल के 50 मीटर के दायरे पर आते ही काम करना शुरू कर देता है। इसमें लगे ट्रांसमीटरों से दुर्घटना होने पर बड़े सहायक सिद्ध हो सकते हैं (Helmet work on Transmitter)।
छात्र विपिन ने बताया कि हमारा पूरा सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर (Helmet transmit radio frequency) पर काम करता है। इस स्मार्ट हेलमेट डिवाइस (Smart Helmet Device) में 2 ट्रांसमीटर और एक रिसिवर लगा है। रिसिवर हमारी बाइक में लगाया जाएगा। 1 ट्रांसमीटर हमारे हेलमेट में लगा है, जो हेलमेट के पहनने पर एक्टिवेट हो जाएगा। गाड़ी में लगा रिसीवर ऑन होता और हेलमेट के पहनने पर हमारी बाइक स्टार्ट हो जाती है। दूसरा ट्रांसमीटर चौराहे के सिग्नल सिस्टम के पास लगा होगा, रेड सिग्नल में लगे ट्रांसमीटर के संपर्क में जैसे ही हमारी गाड़ी आएगी, वैसे इसमें लगे रिसिवर को रेड सिग्नल ट्रांसमीटर ऑफ यानी बंद कर देता है। जैसे ही सिग्नल ग्रीन होगा। वैसे आटोमैटिक बाइक को शुरू कर देगा। रेड सिग्नल ट्रांसमीटर की रेंज अभी 50 मीटर है जिसे और बढ़ाया भी जा सकता है।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना होने पर भी यह हेलमेट आपकी रक्षा करेगा। सेंसर के जारिए दुर्घटना स्थल की लोकेशन को पुलिस, एम्बुेंलस और परिवार को भेजने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि सिग्नल पर बाइक बंद होने से करोड़ों लीटर पेट्रोल की बचत कर वातावरण को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। एक मिनट में करीब 20 एमएल तेल जल जाता है। तो एक मिनट के लिए एक करोड़ गाड़ी बंद हो जाएं तो लाखों लीटर पेट्रोल बचा सकते हैं। यह बहुत बड़ी बचत होगी।
क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया यह अत्यंत महत्वपूर्ण इनोवशन है। इससे पेट्रोल तो बचेगा ही साथ में आकस्मिक दुर्घटना पर भी रोक लगेगी। यह ट्रैफिक सिस्टम को दुरूस्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।