भारतीय वैज्ञानिकों का नाम दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हुआ है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग-2020 में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली विश्व प्रसिद्ध स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा स्वतंत्र व निष्पक्ष अध्ययन में दुनिया के शीर्ष वैज्ञाानिकों की सूची जारी की गई है। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी की गई रैंकिंग में दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू, जामिया मिलिया इस्लामिया के वैज्ञानिकों को शामिल किया गया है।
भारत के प्रसिद्ध जैवप्रौद्योगिकी प्रोफेसर आरसी कुहाड़ का नाम दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हुआ है। प्रोफेसर आरसी कुहाड़ का नाम उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए शामिल किया गया है। प्रोफेसर आरसी कुहाड़ फिलहाल हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति हैं। वह भारतीय वैज्ञानिकों में 14वें स्थान हैं।
कुलपति प्रोफेसर आरसी कुहाड़ ने अपनी इस अंतराष्ट्रीय उपलब्धि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मेरे द्वारा किया गया शोध एवं अनुसंधान देश को समर्पित रहा है। भविष्य में भी हमारा प्रयास रहेगा कि राष्ट्र की उन्नति में हम अपना योगदान देते रहें। नई शिक्षा नीति में शोध एवं अनुसंधान को काफी महत्व दिया गया है। यह शिक्षा नीति अमल में आने पर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए नए अवसर खुलेंगे।"
जामिया विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा, "जामिया मिलिया इस्लामिया के भूगोल विभाग के प्रोजेक्ट को अमेरिकी विश्वविद्यालय ने मान्यता दी है। अध्ययन का उद्देश्य भारत में कम आय वाले लोगों में सामाजिक नेटवर्क के माध्यम से प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए नवीनतम और कम लागत वाली कारगर रणनीतियों की पहचान करना है। इस अध्ययन का मकसद भारत के जौनपुर, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और कल्याण योजनाओं की पड़ताल करना है।"
रिसर्च के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने के लिए अमेरिका के स्टैनफोर्ड द्वारा वर्ल्ड रैंकिग ऑफ-साइंटिस्ट में दिल्ली स्थित उच्च शिक्षण संस्थानों का दबदबा बरकरार रहा। अकेले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आइआइटी, दिल्ली) के 63 वैज्ञानिकों को सर्वश्रेष्ठ अवार्ड दिया गया है। इन वैज्ञानिकों के शोध हाल ही में एक प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। इसमें डीयू के भी 18 वैज्ञानिक शामिल हैं। इनके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी के भी कई वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को इस सूची में शामिल किया गया है।.