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ISRO ने रचा इतिहास- कमर्शियल में मारी एंट्री- देखें भारत के लिए कितना फायदा

ISRO’s heaviest rocket successfully places 36 satellites in orbit

ISRO launches 36 OneWeb satellites: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इतिहास रच दिया है। इसरो ने अपना सबसे भारी-भरकम रॉकेट LVM3 (ISRO launches 36 OneWeb satellites) लॉन्च कर दिया है। इस भारी रॉकेट में इसरो ने 36 संचार उपग्रहों को लॉन्च किया है। यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि पहला कमर्शियल मिशन था। इन 36 सैटलाइट्स को वनवेब ने डेवलप किया है, जो भारत एक संचार कंपनी है और भारत की भारती ग्लोबल के साथ मिलकर काम कर रही है। ISRO ने स्पष्ट किया है कि रॉकेट की सभी 36 सैटलाइट्स सफलतापूर्वक (ISRO launches 36 OneWeb satellites) पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में स्थापित हो गई हैं। टेक ऑफ के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि कम से कम वक़्त में और जैसा नियोजित था, ठीक वैसे ही मिशन सफल हुआ। साथ ही 5,796 किलोग्राम तक के पेलोड के साथ जाने वाला पहला भारतीय रॉकेट बन गया।

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वैश्विक कमर्शियल लॉन्च सेवा बाजार में इंडिया की एंट्री
रॉकेट LVM3 का यह पहला व्यावसायिक उपग्रह प्रक्षेपण है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे नया और सबसे भारी रॉकेट चार टन वर्ग के उपग्रह को ले जा सकता है, जो एक बड़े फ्लैटबेड ट्रक के वजन के बराबर है। इस रॉकेट की क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है। इसरो के अनुसार, मिशन में वनवेब के 5,796 किलोग्राम वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय रॉकेट बन गया है। LVM3-M2 मिशन इसरो की कमर्शियल शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला मिशन है। इस मिशन के साथ ही वैश्विक कमर्शियल लॉन्च सेवा बाजार में हमारा प्रवेश हो गया है.

भारत को क्या होगा फायदा
वनवेब लिमिटेड एक ग्लोबल कम्यूनिकेशन नेटवर्क है, जिसका मक़सद है सरकारों और व्यवसायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी देना। जिस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की बात की, उसके तहत कंपनी 648 उपग्रहों के समूह को निचली ऑर्बिट में सेट कर रही है। इस हालिया लॉन्च को मिलाकर अब तक 462 उपग्रह अपनी जगह ले चुके हैं। अगले साल की जनवरी में भी वनवेब 3 आधुनिक मिशन का एलान कर चुका है। ISRO से पहले, रूसी रॉकेट्स वनवेब की सैटलाइट्स को लॉन्च करते थे। लेकिन, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद वनवेब ने विरोध में रूसियों के साथ सौदा रद्द कर दिया।

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न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला मिशन
पहले इसका नाम GSLV मार्क- 3′ (GSLV) जियो-सिन्क्रोनस सैटलाइट लॉन्च व्हिकल रखा गया था। फिर इसरो ने इसका नाम बदल कर ‘लॉन्च व्हिकल मार्क- 3’ (LVM3) रख दिया। रॉकेट की लंबाई हुई 43.5 मीटर, और, वजन 644 टन, 8 हजार किलो या 8 टन तक वजन ले जाने में सक्षम है। रॉकेट ने सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश के दूसरे लॉन्च पैड (SLP) से 23 अक्टूबर को 12.07 बजे उड़ान भरी। LVM3-M2 मिशन इसरो की कमर्शियल शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला मिशन है। इसरो की कमर्शियल शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का भी सिस्टम सेट है। आने वाले कुछ दिनों में कंपनी के छह कमर्शियल मिशन नियोजित हैं।