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ISRO: श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ PSLV-C52, EOS-04 के साथ अंतरिक्ष में भेजे 2 सैटेलाइट

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल पहली सैटेलाइट लॉन्च की। ये प्रक्षेपण सोमवार की सुबह 5:59बजे मिशन पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C52) का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। पीएसएलवी के जरिए इसरो ने धरती के पर्यवेक्षण उपग्रह या अर्थ ऑब्जर्वेश उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा है। इस सैटेलाइट का नाम रडार इमैजनिंग उपग्रह भी है जो धरती की सतह की सटीक तस्वीर इसरो को भेजेगा। इसरो ने इस सैटेलाइट के साथ छोटे-छोटे दो और सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा है।

पीएसएलवी-सी52के जरिए 1,710किलो वजनी ईओएस-04, अंतरिक्ष में 529किलोमीटर के सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा में चक्कर लगाएगा। ईओएस-04उपग्रह को सूर्य की ध्रुवीय कक्षा में ग्रह से 529किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा। इसरो ने चार चरणों वाला रॉकेट पीएसएलवी से दो उपग्रह भी साथ भेजे गए।

 

यह दो उपग्रह भी साथ भेजे गए

इंस्पायर सेट- इंस्पायर सेट को आईआईएसटी के छात्रों ने अमेरिका के कोलोराडो यूनिवर्सिटी में लेबोरेटरी ऑफ एटमॉसफेयर एंड स्पेस फिजिक्स के छात्रों के साथ मिलकर बनाया है। इस सैटेलाइट में सिंगापुर के एनटीयू के छात्रों ने भी सहयोग दिया है। इस सैटेलाइट में मौजूद पेलोड्स सूर्य की उष्मा को बेहतर ढंग से समझ पैदा करने में मदद करेंगे। यह उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक संस्थान ने कोलोराडो विश्विद्यालय के अंतरिक्ष भौतिक शास्त्र व वायुमंडलीय प्रयोगशाला के साथ तैयार किया है।

आईएनएस-2टीडी- साथ प्रक्षेपित होने वाला यह दूसरा उपग्रह इसरो का ही है। इसे भारत व भूटान के संयुक्त उपग्रह आईएनएस-2वी के पहले विकसित कर भेजा गया है। भारत और भूटान का संयुक्त मिशन है। इसमें थर्मल इमैजनिंग कैमरा और पेलोड्स लगे हुए हैं। यह सैटेलाइट पृथ्वी की सतह का तापमान सटीक तरीके से मापेगा। इसके अलावा आद्र भूमि, झील, जंगल, फसल आदि का बेहतर ढंग से आकलन कर सकेगा।

आपको बता दें कि यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान है और 6 पीएसओएस-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ पीएसएलवी-एक्सएल कॉन्फिगरेशन का इस्तेमाल करते हुए 23वां मिशन है। इसरो ने बताया कि भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी52 ने आज सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 06:17 बजे पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-04 को 529 किमी ऊंचाई पर की एक इच्छित सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में इंजेक्ट किया।