NASA Black Hole: अंतरिक्ष में बालक होल हमेशा से रहस्य का विषय रहा है। इसकी खास बात यह है कि इसके अंदर से रोशनी बाहर नहीं निकल सकती। आसपास की सामग्री इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन के तीव्र विस्फोट पैदा करते हैं। वहीं जब जब प्रकाश के धमाके तेजी से बाहर निकलते हैं तो गैस और धूल के बादलों में चमक पैदा होती है। वैसे ये तो साफ-साफ नहीं दिखाई दिया, लेकिन कोहरे में जलने वाली कार की लाइट जैसा दिखता है। इसी के साथ एक्स रे भी निकलते हैं जिनके प्रतिध्वनियों के जरिए नासा ने ब्लैक होल V404 साइगनी की आवाज बनाई है।
बता दें, ये ब्लैक होल 7,800 प्रकाश वर्ष दूर है। V404 साइगनी ब्लैक होल एक ऐसा सिस्टम है, जिसका द्रव्यमान सूर्य से पांच से 10 गुना के बीच होता है। ये ब्लैक होल (Black hole) अपने चारों ओर की कक्षा के एक तारे से सामग्री खींच रहा होता है। तारे से निकली सामग्री एक डिस्क की तरह ब्लैक होल को घेरती है। इसी कि वजह से एक्स रे समेत रेडिएशन के धमाके होते हैं। जैसे ही एक्स-रे बाहर की ओर निकलते हैं उनकी V404 साइगनी और पृथ्वी के बीच गैस के बादलों से टक्कर होती है।
एक्स-रे डेटा का हुआ उपयोग
मालूम हो, एक्स रे विभिन्न कोणों पर बिखर जाते हैं। नासा की चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और नील गेहर्ल्स स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी ने V404 साइगनी के आसपास एक्स-रे प्रकाश प्रतिध्वनियों का डेटा इकट्ठा किया। क्योंकि खगोलविद जानते हैं कि प्रकाश की गति कितनी तेज है और उन्होंने डेटा का इस्तेमाल कर गणना की, जिससे पता चला है कि विस्फोट आखिर कब हुए थे।
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डेटा से बना साउंड
चंद्रा और स्विफ्ट दोनों ही ऑब्जर्वेटरी ने V404 साइगनी के एक्स-रे डेटा को ध्वनि में बदला है। इसके जरिए नासा ने दिखाया है कि ब्लैक होल के बीच हुए धमाके से निकला एक्स-रे चारों ओर फैल गया। दो अलग-अलग वीडियो दिखाए गए हैं। नीले रंग के छल्ले चंद्रा ऑब्जर्वेटरी और लाल रंग के छल्ले स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी का डेटा हैं।