गूगल ने अब तक भारत में अपने प्ले स्टोर से लगभग 100 इंस्टेंट लोन एप्स को हटा दिया है (Google removes 100 instant loan apps)। गूगल ने नियमों का पालन नहीं करने पर लोन से जुड़ी 100 एप्स को प्ले स्टोर से हटाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Electronics and IT Ministry) ने सोमवार को यह जानकारी दी। यह कार्रवाई इंस्टेंट लोन (Instant Loan Fraud Apps) के नाम पर धोखाधड़ी को लेकर कई शिकायतें मिलने के बाद की गई है। आरोप है कि ये एप्स व्यक्तिगत डेटा के कथित संग्रह और इसके दुरुपयोग, धोखाधड़ी और गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे थे।
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लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, आईटी मंत्रालय ने कहा कि कुछ धन उधार मुहैया कराने वाली ऐप्स की कार्यप्रणाली पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नजर गई, जो संभवत: कानूनी और नियामक ढांचे का पालन नहीं कर रही थी। लिहाजा, गूगल ने दिसंबर 2020 से 20 जनवरी 2021 तक लगभग 100 ऐसी एप्स हटा दी हैं।
बताया गया है कि इन एप के जरिए लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलने की शिकायतें मिली थीं। इसके अलावा पर्सनल डेटा के दुरुपयोग से जुड़ी शिकायतें भी सरकार को लगातार मिल रही थीं। आईटी मंत्रालय ने कहा कि उसे गूगल प्ले स्टोर सहित इंटरनेट पर उपलब्ध कुछ ऑनलाइन इंस्टेंट लोन एप्लिकेशन द्वारा धोखाधड़ी के खिलाफ कई सार्वजनिक शिकायतें मिली हैं।
गूगल ने पिछले महीने जानकारी दी थी कि उसने भारत में सैकड़ों व्यक्तिगत लोन एप की समीक्षा की और उनमें से कई को अपनी एप नीतियों का उल्लंघन करते पाया। कंपनी ने कहा कि उसने शेष पहचान किए गए ऐप्स के डेवलपर्स को यह दिखाने के लिए कहा है कि वे भारत में लागू स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करते हैं।
उत्पाद, एंड्रॉएड सुरक्षा एवं गोपनीयता के उपाध्यक्ष सुजान फ्रेई ने कहा, हमने यूजर्स और सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत सूचक के आधार पर भारत में सैकड़ों व्यक्तिगत ऋण ऐप की समीक्षा की है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कहना है कि लोन देने वाली किसी लिस्टेड वेबसाइट या उसके एप पर जाते हैं, तब यह जरूर देखें कि वो आरबीआई से रजिस्टर्ड है या नहीं।
आरबीआई ने कहा है कि नागरिकों को इस तरह की भ्रामक गतिविधियों के शिकार होने से बचने को लेकर आगाह किया गया है और उनसे अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी कंपनी की ओर से ऑनलाइन या मोबाइल एप के माध्यम से दिए जाने वाले ऋण की पुष्टि करें।