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मंगल पर उड़ने वाला पहला हेलीकॉप्टर बन सकता है NASA का INGENUITY, मैसेज भेज बताया हाल

मंगल पर हेलीकॉप्टर उड़ाना चाहता है नासा। फाइल फोटो

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह (Mars Mission) की सतह पर सफलतापूर्वक अपना पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) उतारकर इतिहास रच दिया। रोवर ने अब मंगल ग्रह से जुड़ी रोचक जानकारियां धरती पर भेजना शुरू कर दिया। नासा ने अपने उपग्रह के साथ एक स्पेशल हेलीकॉप्टर (Ingenuity Helicopter) भी भेजा है, जिसका नाम इंजीन्यूटी रखा गया है। इस हेलीकॉप्टर को मंगल ग्रह की सतह और वायुमंडल में रोटरक्राफ्ट टेक्नॉलजी (उड़ान भरने की क्षमता) के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट भेजना (Ingenuity sends status report) शुरू कर दिया है।

1.8 किलोग्राम का हेलीकॉप्टर

नासा के अनुसार हेलीकॉप्टर और इसके बेस स्टेशन दोनों ही उम्मीद के मुताबिक काम कर रहे हैं। अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक होता है तो 1.8 किलोग्राम का ये हेलीकॉप्टर धरती के अलावा किसी और ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला हेलीकॉप्टर बन जाएगा। इंजीन्यूटी ने नासा को सिग्नल भेजना शुरू कर दिया है, इसे मंगल का चक्कर काट रहे मार्स रिकोनिसेंस ऑर्बिटर के जरिए भेजा गया है।

धरती पर भेजा पहला मैसेज

नासा को मिले सिग्नल के मुताबिक हेलीकॉप्टर और रोवर में लगा बेस स्टेशन योजना के अनुसार काम कर रहा है। नासा ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर रोवर के साथ अगला 30 से 60 दिनों तक संलंग्न रहेगा। लाल ग्रह मंगल पर भेजे गए रोवर में ही एक इलेक्ट्रिकल बॉक्स लगाया गया है जो हेलीकॉप्टर और धरती के बीच होने वाले संचार को स्टोर करेगा। हेलीकॉप्टर के यंत्र मंगल ग्रह के सर्द मौसम में भी काम करते रहें यह सुनिश्चित करने का काम धरती पर काम कर रहे मिशन कंट्रोल का होगा।

मंगल पर तापनाम -90 डिग्री सेल्सियस

हेलीकॉप्टर में एक हीटर भी इंस्टॉल किया गया है, जिसे तापमान के अनुसार धरती पर कंट्रोल रूप से ऑन-ऑफ किया जाएगा। फिलहार हेलीकॉप्टर को रोवर में लगे पावर सप्लाई से चार्ज किया जा रहा है, लेकिन हीटर के लिए इंजीन्यूटी में अलग से बैटरी लगाई गई है। रोवर की बैटरी को सूर्य की किरणों से चार्ज किया जाएगा। नासा वैज्ञानिकों के मुताबिक मंगल ग्रप पर तापनाम -90 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, अगर इस मौसम में हेलीकॉप्टर सही सलामत रहा तो उसके पहले एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट की कोशिश की जाएगी।